बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बुधवार को एनडीए की बैठक में बीजेपी के सम्राट चौधरी द्वारा उनके नाम की सिफारिश के बाद सर्वसम्मति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का नेता चुन लिया गया है. पिछले शुक्रवार को घोषित राज्य विधानसभा चुनावों में एनडीए की शानदार जीत के बाद, नीतीश कुमार अब गुरुवार सुबह दसवीं बार सीएम पद की शपथ लेने वाले हैं.
बुधवार देर शाम पटना में अमित शाह की बीजेपी और जेडीयू नेताओं के साथ बैठक हुई. मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों को लेकर फाइनल मुहर लगना अभी बाकी है. जनता दल यूनाइटेड की तरफ से संजय झा और ललन सिंह अमित शाह की बैठक में शामिल हैं. लोक जनशक्ति पार्टी के तरफ से राजू तिवारी बैठक का हिस्सा हैं.
नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण समारोह, गुरुवार 11.30 बजे गांधी मैदान में एक भव्य कार्यक्रम में आयोजित किया जाएगा. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्र सरकार के कई अन्य मंत्री मौजूद रहेंगे. समारोह के लिए दो मंच बनाए गए हैं और इसमें 11 NDA-और BJP-शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित 150 से ज्यादा मेहमानों को भी बुलाया गया है.
सीएम ने राज्यपाल को सौंपा पत्र
बुधवार को एनडीए की मीटिंग के बाद, नीतीश कुमार राजभवन गए, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया और एनडीए के सहयोगियों के समर्थन पत्र राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सौंपकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया.
राजभवन में सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद मुख्यमंत्री आवास लौटने पर नीतीश ने कहा, "मैंने बिहार विधानमंडल के सेंट्रल हॉल में आयोजित एनडीए विधायक दल की बैठक में भाग लिया."
एनडीए सहयोगी दलों की बैठक में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने बिहार की जनता को मजबूत जनादेश देने के लिए बधाई देते हुए कहा, "नीतीश जी ही नेता होंगे."
बैठक के दौरान, उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए की "ऐतिहासिक जीत" के लिए राज्य की महिला मतदाताओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस जीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम की अहम भूमिका रही. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम को देखकर लोगों ने एनडीए को अपना आशीर्वाद दिया."
उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार, गठबंधन के सभी सहयोगियों के बीच ज़मीनी स्तर तक पूर्ण समन्वय देखने को मिला, जिससे जनता की यह धारणा और मज़बूत हुई कि गठबंधन 'एकजुट' है.
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'दो दशकों तक सत्ता विरोधी लहर का सामना किए बिना...'
नीतीश कुमार के एनडीए नेता के रूप में सर्वसम्मति से चुने जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, सहयोगी और HAM प्रमुख जीतन राम मांझी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या किसी और मुख्यमंत्री ने दो दशकों तक सत्ता विरोधी लहर का सामना किए बिना काम किया है.
मांझी ने कहा, "मैं एनडीए के सभी नेताओं का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं. आज, न सिर्फ़ भारत में, बल्कि शायद दुनिया में कहीं भी, शायद ही कोई ऐसा नेता होगा, जिसने सत्ता-विरोधी लहर का सामना किए बिना 20 साल तक लगातार काम किया हो."
उन्होंने आगे कहा, "नीतीश कुमार जैसा कोई नेता नहीं है- निडर, ईमानदार और पारिवारिक राजनीति से मुक्त. हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि नीतीश कुमार दीर्घायु हों और कई वर्षों तक हमारा नेतृत्व करते रहें."
एनडीए की बैठक से पहले, पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों ने जेडीयू प्रमुख को विधायक दल का नेता चुना. बीजेपी के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केपी मौर्य विधायक दल के नेता के चुनाव की निगरानी के लिए पहले से ही पटना में हैं.
रोहित कुमार सिंह / शशि भूषण कुमार