चोरी या लूटे गए मोबाइल खरीद-बिक्री करने वाला अरेस्ट, जाने कैसे बदलता था IMEI कोड

बिहार के मुजफ्फरपुर में पुलिस ने चोरी की मोबाइल का आईएमईआई बदलकर उसकी खरीद बिक्री करने वाले एक शातिर को गिरफ्तार किया है. वह यूक्रेन के पेंडोराज सॉफ्टवेयर की मदद से चोरी की मोबाइल का आईएमआई बदल देता था.

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आईएमईआई कोड बदलकर मोबाइल बेचने वाला अरेस्ट आईएमईआई कोड बदलकर मोबाइल बेचने वाला अरेस्ट

मणि भूषण शर्मा

  • मुजफ्फरपुर,
  • 08 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:14 PM IST

मुजफ्फरपुर में मोबाइल का आईएमईआई (IMEI) कोड बदलकर उसे बेचने वाले एक शातिर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार बदमाश चोरी या लूट लिये गए मोबाइल फोन का आईएमआई कोड बदल देता था. इसके बाद उसे कोई भी कहीं भी धड़ल्ले से इस्तेमाल कर सकता था. 

नगर थाना क्षेत्र के सरैयागंज टावर के निकट मोबाइल क्लीनिक नामक दुकान में चोरी और छिनतई की मोबाइल के आईएमईआई नंबर बदलकर बाजार में खपाने के अवैध धंधा का खुलासा मुजफ्फरपुर पुलिस ने किया है.गिरफ्तार अपराधी पूर्वी चंपारण जिले के चिरैया थाना के माधोपुर गांव का रहने वाला है. उसका नाम चिरंजीवी है.

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चिरंजीवी को साइबर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी शहर के मोतीझील में मोबाइल क्लीनिक नाम की दुकान चलाता है. उसके पास से कई मोबाइल, एक लैपटॉप और एक कंप्यूटर भी बरामद किया है. पुलिस को पूछताछ में उसने बताया कि  80 मोबाइल का वह अबतक आईएमईआई बदल चुका है. यह काम वह यूक्रेन के एक सॉफ्टवेयर की मदद से करता था. 

इस मामले में सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि ऑपरेशन मुस्कान के तहत पुलिस प्रशासन लोगों के गुम हुए या फिर चोरी अथवा छिनतई में ले लिये गए मोबाइल फोन बरामद करती है. इसी ऑपरेशन के क्रम में पुलिस को यह पता चला कि कुछ ऐसे मोबाइल हैं जिनका आईएमइआई नंबर सेम है, लेकिन अलग-अलग नंबर से इस्तेमाल हो रहे हैं.

इस मामले में जानकारी जुटा कर छापेमारी की गई तो मोबाइल क्लीनिक से 6 ऐसे मोबाइल बरामद किए गए हैं, जिनका आईएमइआई नंबर बदल दिया गया था. पूछताछ के क्रम में गिरफ्तार मोबाइल दुकानदार ने स्वीकार किया कि अब तक उसने 80 से 90 विभिन्न मॉडलों के मोबाइल का आईएमइआई नंबर बदला है.

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सिटी एसपी ने बताया कि यह आईपीसी की धारा के तहत यह कानूनन अपराध है. क्योंकि ऐसा करने के बाद चोरी अथवा छीनी गई मोबाइल के संबंध में किसी तरह की जानकारी हासिल करना मुश्किल हो जाता है. दुकानदार से हासिल जानकारी के अनुसार पेंडोराज नामक यह सॉफ्टवेयर मूलतः यूक्रेन का है. दुकानदार इसे रांची से खरीदकर लाया था और इसके मदद से मोबाइल के मॉडल के अनुसार लॉक तोड़ने के लिए 500 से ₹3000 लेता था. 

मोबाइलों का आईएमइआई नंबर परिवर्तित कर दिया जाता था. इससे मोबाइल खरीदने वाले आसानी से उसका उपयोग कर पाते थे. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि छापेमारी के दौरान 6 मोबाइल के साथ दुकान से पेनड्राइव, सॉफ्टेवेयर लोड लैपटॉप, कंप्यूटर सेट और डोंगल बरामदगी की गई है. इस मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई के लिए छानबीन कर रही है.

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