बिहार में सरकार गठन को लेकर अगले सप्ताह भारी हलचल देखने को मिलने वाली है. विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब नई सरकार बनाने की प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंच चुकी है. वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है. यानी 22 नवंबर या उससे पहले 18वीं विधानसभा का गठन होना तय है. इसी समय सीमा को देखते हुए एनडीए गठबंधन और जेडीयू ने अपनी राजनीतिक तैयारियां तेज कर दी हैं.
इस बीच जेडीयू नेता ललन सिंह और संजय झा एनडीए नेतृत्व से चर्चा के लिए दिल्ली पहुंचे और गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठकें कीं. दूसरी तरफ पटना में भी बैठकों का दौर चल रहा है. बताया जा रहा है कि पटना में चिराग पासवान और नित्यानंद राय की भी बैठक शेड्यूल है.
सूत्रों के अनुसार, अगले सप्ताह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपेंगे. यह औपचारिक इस्तीफा नई विधानसभा के गठन और नई सरकार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का हिस्सा माना जा रहा है. इस मुलाकात में नीतीश कुमार राज्यपाल से शपथ ग्रहण समारोह की संभावित तिथि पर भी चर्चा करेंगे.
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पीएम मोदी के कार्यक्रम के हिसाब से तय होगी शपथग्रहण की तारीख
शपथ ग्रहण की तारीख तय करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम अहम भूमिका निभाएगा. प्रधानमंत्री ने साफ संकेत दिए हैं कि वे बिहार की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहेंगे. ऐसे में पूरे कार्यक्रम को पीएम के शेड्यूल के अनुरूप तैयार किया जा रहा है.
नीतीश कुमार ही हो सकते हैं बिहार के सीएम
नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद एनडीए की सभी सहयोगी पार्टियां अपने-अपने विधायक दल की बैठक करेंगी. इन बैठकों में विधायक दल का नेता चुना जाएगा और गठबंधन के भीतर औपचारिक समर्थन पत्र तैयार किए जाएंगे. इसके बाद मुख्यमंत्री आवास पर एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक होगी. इसी बैठक में नीतीश कुमार को दोबारा एनडीए विधायक दल का नेता चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है.
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... तो नीतीश कुमार 10वीं बार लेंगे शपथ
पूरी प्रक्रिया के पूरा होते ही नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं. यह उनके राजनीतिक करियर का एक और ऐतिहासिक पड़ाव होगाय. जेडीयू और बीजेपी दोनों इस कार्यक्रम को भव्य रूप देने की तैयारी में जुटे हैं.
नई सरकार के गठन के साथ ही गठबंधन में मंत्रालयों के बंटवारे और नई नीति प्राथमिकताओं को लेकर भी अगले सप्ताह से चर्चाएं तेज होने की संभावना है. बिहार की राजनीति आने वाले कुछ दिनों में एक बार फिर तेज ऊथल-पुथल के दौर से गुजरने वाली है.
अशोक सिंघल