बिहार सरकार का पुलिसकर्मियों को लेकर बड़ा ऐलान, खुलेंगे आवासीय विद्यालय और होगा कैशलेस इलाज

बिहार सरकार ने पुलिसकर्मियों को ध्यान में रखकर बड़ा ऐलान किया है. जिसके अनुसार अब राज्य के सभी पुलिस लाइन में आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे. साथ ही रसोई की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि पुलिसकर्मियों को खाने-पीने की कोई दिक्कत न हो.

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बिहार के गृह मंत्री सम्राट चौधरी. (File Photo: ITG) बिहार के गृह मंत्री सम्राट चौधरी. (File Photo: ITG)

रोहित कुमार

  • पटना,
  • 21 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:08 AM IST

ड्यूटी का लंबा समय, लगातार तबादले और हर पल जोखिम पुलिसकर्मियों की जिंदगी चुनौतियों से भरी होती है. इन सबके बीच सबसे बड़ी चिंता रहती है बच्चों पढ़ाई और परिवार की बुनियादी सुविधाएं. अब बिहार सरकार ने इस चिंता को दूर करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है.

सभी पुलिसलाइन में खोले जाएंगे आवासीय विद्यालय

राज्य की सभी 40 पुलिस लाइनों में जल्द ही आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे, ताकि पुलिसकर्मियों के बच्चों को बेहतर और निरंतर शिक्षा मिल सके. इस ऐलान के साथ ही पुलिस लाइन की तस्वीर अब सिर्फ तैनाती स्थल की नहीं, बल्कि शिक्षा और सुविधा के केंद्र की बनने जा रही है. यह घोषणा उप-मुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय स्थित सरदार पटेल भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की.

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इस दौरान उन्होंने कहा कि ट्रांसफर के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए पुलिस लाइन में ही आवासीय स्कूल की व्यवस्था की जा रही है. इससे पुलिसकर्मी निश्चिंत होकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकेंगे. गृह मंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों की ड्यूटी तय समय से कहीं अधिक होती है और प्रदेश की सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर रहती है. इसलिए सरकार आवासन, भोजन और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दे रही है.

इसी कड़ी में उन्होंने एक और अहम घोषणा करते हुए बताया कि 30 जनवरी से पहले पटना पुलिस लाइन की तर्ज पर राज्य की सभी 39 अन्य पुलिस लाइनों में ‘जीविका दीदी की रसोई’ शुरू कर दी जाएगी. इसका उद्देश्य पुलिसकर्मियों को स्वच्छ, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना है.

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कैशलेस इलाज पर भी चल रहा विचार

स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी सरकार गंभीर है. गृह मंत्री ने कहा कि मेडिकल इलाज के लिए मिलने वाली बीमा राशि को पूरी तरह कैशलेस करने पर विचार चल रहा है. आंकड़े बताते हैं कि जिन 36 पुलिसकर्मियों के परिजनों को बीमा राशि दी गई, उनमें से 24 की मौत बीमारी के कारण हुई थी. ऐसे में बेहतर और त्वरित इलाज की व्यवस्था बेहद जरूरी है.

डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ चल रही विशेष बीमा योजना के तहत अब तक 90 पुलिसकर्मियों को 43 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है. 30 मामले अभी प्रक्रियाधीन हैं, जिन्हें जल्द निपटाने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के तहत आत्महत्या के मामलों में भी 20 लाख रुपये तक की बीमा राशि का प्रावधान है. 

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