देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड लगातार बढ़ रही है. जहां एक तरफ नए स्टार्टअप्स इस सेग्मेंट में नई क्रांति करने में लगे हैं वहीं पुराने प्लेयर्स को भी बाजार में वापसी का बेहतर अवसर दिख रहा है. आपको अस्सी-नब्बे के दशक की लूना तो याद होगी ही, एक बार फिर से लूना नई रफ्तार के साथ वापसी करने को तैयार है. लेकिन इस बाद लूना इलेक्ट्रिक अवतार में दौड़ेगी. इस बात का खुलासा कंपनी की सीईओ सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने सोशल मीडिया के माध्यम से की है.
सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्वीटर पर पोस्ट में अपने पिता की पुरानी तस्वीर और लूना की विंटेज वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा है कि, ब्लास्ट फ्रॉम द पास्ट!! "चल मेरी लूना" और इसके रचयिता.. मेरे पिता, पद्मश्री अरुण फिरोदिया! काइनेटिक ग्रीन से कुछ क्रांतिकारी और रोमांचक के लिए इस जगह (उनके प्रोफाइल) को देखते रहें...आप सही हैं...यह "ई लूना!!!" है.
E-Luna होगा नाम:
सुलज्जा फिरोदिया के पोस्ट कंपनी के आने वाले पहले मॉडल के नाम को भी तकरीबन साफ कर दिया है. उनके पोस्ट के अनुसार इसे "E-Luna" कहा जाएगा. यानी कि, कंपनी लूना के नेमप्लेट को एक बार फिर से भुनाने की तैयारी में है. ऐसा पहली बार नहीं होगा, इससे पहले बजाज ऑटो भी अपने मशहूर स्कूटर चेतक को पुराने नेमप्लेट के साथ ही इलेक्ट्रिक अवतार में पेश कर चुका है. इसके अलावा LML भी इसी साल अपने स्टार स्कूटर को इलेक्ट्रिक अवतार में पेश करने की तैयारी में है.
इलेक्ट्रिक लूना या ई लूना काइनेटिक ग्रीन एनर्जी एंड पावर सॉल्यूशंस (जो काइनेटिक ग्रुप का एक सहयोगी ब्रांड) की तरफ से पेश किया जाने वाला पहला मॉडल होगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी ने चेसिस और अन्य कंपोनेंट्स का उत्पादन भी शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि शुरुआत में कंपनी प्रतिमाह 5,000 यूनिट्स के उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रही है जो कि समय के साथ और भी बढ़ेगा. काइनेटिक अपने इलेक्ट्रिक लूना के लिए एक अलग असेंबली लाइन स्थापित कर रहा है. कंपनी महाराष्ट्र के अहमदनगर में ई लूना का निर्माण करेगी.
जब पेश हुई थी भारत की पहली मोपेड:
Kinetic Luna अपने दौर में काफी मशहूर रही है, इसे काइनेटिक इंजीनियरिंग ने पहली बार साल 1972 में पेश किया था. महज 50 सीसी की इंजन क्षमता वाली ये देश की पहली मोपेड थी. आगे चलकर टीएफआर, डबल प्लस, विंग्स, मैग्नम और सुपर के नाम से कई अलग-अलग वेरिंएट्स में इसे पेश किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जब इसे पहली बार लॉन्च किया गया था उस वक्त इसकी कीमत महज 2,000 रुपये हुआ करती थी. 1972 की ओरिजनल लूना पियाजियो सियाओ मोपेड की लाइसेंस्ड वर्जन थी, इसके बाद से 2000 के दशक की शुरुआत में उत्पादन के अंत तक काइनेटिक ने इसे कई बार अपडेट किया.
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