क्या पुलिस कर सकती है Driving Licence सस्पेंड'? जानें क्या है हाईकोर्ट का फैसला

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि, यातायात पुलिस कर्मियों के पास ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) सस्पेंड करने, निलंबित करने, रद्द करने या इंपाउंड करने का अधिकार नहीं है.

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केवल लाइसेंसिंग प्राधिकारी को ही Driving Licence रद्द करने या निरस्त करने का अधिकार है. केवल लाइसेंसिंग प्राधिकारी को ही Driving Licence रद्द करने या निरस्त करने का अधिकार है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST

Driving Licence Rule: सड़क पर वाहन चलाते हुए ऐसा अक्सर देखा गया है कि ट्रैफिक पुलिस यातायात को दुरुस्त करने के लिए मुस्तैदी से वाहनों का चालान करती है. इस दौरान कई गंभीर मामलों में वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licences) भी सस्पेंड या रद्द कर दिया जाता है. लेकिन कोर्ट की मानें तो यातायात पुलिस के पास ये अधिकार ही नहीं है कि, वो किसी मामले में वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड करे. हालांकि पुलिस ड्राइविंग लाइसेंस को जब्त जरूर कर सकती है.

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दरअसल, बीते दिनों कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि, यातायात पुलिस कर्मियों के पास ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करने, निलंबित करने, रद्द करने या इंपाउंड करने का अधिकार नहीं है. मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 206(4) और संबंधित धाराओं के अनुसार, पुलिस किसी ठोस कारण के चलते ही ड्राइविंग लाइसेंस को जब्त करने का अधिकार है. जिसमें जिसमें खतरनाक ड्राइविंग, नशे में गाड़ी चलाना या तेज़ गति से गाड़ी चलाना शामिल है.

कोर्ट ने क्या कहा?

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई, 2025 को दिए एक फैसले में कहा है कि, पुलिस अधिकारी के पास ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करने का अधिकार नहीं है, और इसका प्रयोग केवल मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार कुछ ख़ास परिस्थितियों में ही किया जा सकता है. जस्टिस पार्थ सारथी चटर्जी ने कहा कि यातायात नियम उल्लंघन के मामले में अधिकारी के पास ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करने के लिए कुछ "ठोस कारण" होने चाहिए.

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क्या है मामला?

कोलकाता में एक वकील को ट्रैफिक पुलिस ने यह कहते हुए रोक लिया था कि उनकी गाड़ी तेज़ गति से चल रही है. वकील सुभ्रांगसु पांडा ने आरोप लगाया कि, ट्रैफिक पुलिस ने पहले उनका ड्राइविंग लाइसेंस ज़ब्त कर लिया और फिर ऑनलाइन भुगतान के बजाय मौके पर ही नकद भुगतान की मांग की. इस मामले में अदालत ने याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज सभी मामले को रद्द कर दिया. अदालत ने संबंधित ट्रफिक पुलिसकर्मी को कड़ी चेतावनी जारी की और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को कानूनी प्रावधानों और नियमों का पालन करने के लिए   प्रशिक्षण दें.

क्या कहता है नियम?

उच्च न्यायालय ने कहा कि, "1988 के अधिनियम की धारा 2(20) के अनुसार, केवल लाइसेंसिंग प्राधिकारी को ही ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने या निरस्त करने का अधिकार है." ऐसे किसी भी मामले में यदि वाहन चालक को ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाता है तो पुलिस केवल उसके ड्राइविंग लाइसेंस को जब्त कर सकती है. इसके बाद अन्य कानूनी प्रक्रिया के लिए ड्राइविंग लाइसेंस को को प्राधिकारी के पास प्रस्तुत किया जाना चाहिए.

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