'SUV गाड़ियों को न दें बढ़ावा', जानिए Global NCAP के चीफ ने क्यों कही ये बात

ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल NCAP) के कार्यकारी अध्यक्ष डेविड वार्ड ने कहा कि, "रोड एक्सीडेंट के मामले में टॉप लिस्ट में रहने वाले देश भारत को स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (SUV) के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका (US) के रास्ते को अपनाने से बचना चाहिए.

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ग्लोबल NCAP के कार्यकारी अध्यक्ष डेविड वार्ड ने बड़ी SUV गाड़ियों को रोड सेफ्टी के लिए खतरा बताया है. ग्लोबल NCAP के कार्यकारी अध्यक्ष डेविड वार्ड ने बड़ी SUV गाड़ियों को रोड सेफ्टी के लिए खतरा बताया है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:43 PM IST

भारत में स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल्स (SUV) की डिमांड काफी ज्यादा है जो कि समय के साथ और भी तेजी से बढ़ रही है. SUV वाहनों के अलग-अलग रूप जितने भारतीय बाजार में देखने को मिलते हैं उतना शायद ही किसी और मुल्क में हो. भारतीय ग्राहकों को मिनी, माइक्रो, कॉम्पैक्ट, मिड-साइज और फुल-साइज सहित कई अलग-अलग साइज में SUV को चुनने का मौका मिलता है. बड़ी साइज की SUV की इस बढ़ती डिमांड और प्रमोशन को लेकर ग्लोबल NCAP के चीफ डेविड वार्ड ने एक बड़ी बात कही है, उन्होनें इसे रोड सेफ्टी के लिए बुरी ख़बर बताया है. 

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सड़क दुर्घटनाओं के मामले में भारत टॉप रैंकिंग वाले देशों में से एक है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा जारी किए गए नए आंकड़ों के अनुसार, देश में रोड एक्सीडेंट में हर 3 मिनट में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो जाती है, साल 2022 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 1,55,781 लोगों की जान चली गई और 4,43,366 लोग घायल हो गए. ऐसे में सड़क पर यात्रियों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल है. 

क्या बोले ग्लोबल NCAP चीफ: 

इसी बीच ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल NCAP) के कार्यकारी अध्यक्ष डेविड वार्ड ने कहा कि, "रोड एक्सीडेंट के मामले में टॉप लिस्ट में रहने वाले देश भारत को स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (SUV) के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका (US) के रास्ते को अपनाने से बचना चाहिए क्योंकि वे अन्य छोटी कारों, पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों के लिए सड़कों को कम सुरक्षित बनाते हैं."

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ये बात डेविड वार्ड ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार की साझेदारी और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक सहयोग से इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (IRTE) द्वारा नई दिल्ली में आयोजित 3 दिवसीय 'ग्लोबल रोड सेफ्टी इनिशिएटिव' कार्यक्रम के दौरान कही. डेविड वार्ड ने साफ तौर पर कहा कि, "अगर इंडियन ऑटो इंडस्ट्री एसयूवी के आकार और वजन के मामले में अमेरिकी उदाहरण का अनुसरण करता है तो यह एक बड़ी गलती होगी. हमारे क्लाइमेट टार्गेट्स और रोड सेफ्टी के लिए, वाहन का आकार पहले से कहीं अधिक मायने रखता है."

उन्होनें कहा कि, "विभिन्न देशों में किए गए हालिया अध्ययनों से पता चला है कि कार इंडस्ट्री का हर सेगमेंट में बड़ी और भारी एसयूवी बेचने का निरंतर प्रयास सड़क सुरक्षा के लिए बुरी खबर है, विशेष रूप से छोटे, इफिशिएंट वाहन चलाने वालों और छोटी कारों के यूजर्स के लिए. भारत जैसे देशों के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सरकार बाजार को ऐसे वाहनों को प्रोत्साहित करे जो ज्यादा सेफ हों.''

बड़ी SUV को प्रोत्साहत न करें: 

डेविड ने आगे कहा कि, "भारत और अन्य देशों में एसयूवी की बढ़ती मांग सड़क सुरक्षा और पर्यावरण के लिए चुनौती है, सरकारों को इन बड़े वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए. बीते कुछ समय में कारें ज्यादा बड़ी, लंबी और भारी हो गई हैं, कई अध्ययनों से पता चला है कि एसयूवी और पिक-अप वाहन लगभग किसी भी दुर्घटना में छोटी या कमजोर सड़क उपयोगकर्ताओं (VRU) के लिए अधिक घातक हैं"

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क्या कहते हैं बिक्री के आंकड़े:

इसमें कोई दो राय नहीं है कि SUV वाहनों ने तेजी से इंडियन मार्केट में अपना पांव पसारा है. कॉम्पैक्ट एसयूवी सेग्मेंट ने तो हैचबैक और दूसरी छोटी कारों की डिमांड को तकरीबन हाशिए पर ला दिया है. भारत में बिकने वाली हर दूसरी कार एसयूवी या एमपीवी होने के कारण, उनकी वृद्धि दर हैचबैक या सेडान से कहीं अधिक है. यही कारण है कि, ज्यादातर वाहन निर्माता कंपनियां यूटिलिटी व्हीकल (UV) सेग्मेंट में अपने वाहनों को पेश करने में लगी हैं. कुछ कंपनियां तो अपने मौजूदा मॉडलों के प्लेटफॉर्म पर भी नए SUV कारों को बाजार में उतार रही हैं. 

भारत में एसयूवी की बिक्री में अप्रैल और नवंबर 2023 के बीच वित्त वर्ष 2024 के पहले 8 महीनों में साल-दर-साल 26 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान लगाया गया था. देश में कुल यात्री वाहन बिक्री में SUV की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि, सितंबर तक इसे 51 प्रतिशत आंका गया था, इस साल नवंबर में यह बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया है.

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