Is ethanol blended fuel damaging your Scooter, Bike: एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (E20 Fule) को लेकर देशभर में तगड़ी बहस छिड़ी हुई है. लोगों का कहना है कि पेट्रोल में 20% एथेनॉल का मिश्रण उनके वाहनों के परफॉर्मेंस और माइलेज को प्रभावित कर रहा है. वहीं इस मामले में हाल ही में लोकल सर्किल्स की एक सर्वे रिपोर्ट भी सामने आई है जिसमें 44% लोगों ने एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल को ना कहा है. दूसरी ओर सरकार ने भी इस बात से इंकार नहीं किया है कि, पुराने वाहनों पर E0 फ्यूल का कोई असर नहीं पड़ेगा.
जहां एक तरफ पुराने कार मालिक E20 फ्यूल के प्रयोग को लेकर चिंतित हैं, वहीं दोपहिया मालिकों ने भी स्कूटर और बाइक्स के परफॉर्मेंस को लेकर सवाल खड़े किए हैं. देश में दोपहिया वाहनों की संख्या सबसे ज्यादा है, जिसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी कम्यूटर सेग्मेंट (100 सीसी से 125 सीसी) वाले वाहनों की है. इस सेग्मेंट के ग्राहक ज्यादातर कीमत और माइलेज को ध्यान में रखकर वाहन की खरीदारी करते हैं. ऐसे में यदि पुरानी बाइक्स के माइलेज पर इस फ्यूल का असर पड़ता है तो ये एक चिंता का विषय है.
इस बीच देश की प्रमुख दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी बजाज ऑटो ने इस समस्या से निपटने के लिए एक समाधान सुझाया है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस के एक्सप्रेस ड्राइव्स डिवीजन की एक रिपोर्ट के अनुसार केटीएम बाइक लॉन्च के इवेंट के दौरान मीडिया से पूछे गए सवाल के जवाब में बजाज ऑटो ने कहा है कि, यदि पुराने BS3 टू-व्हीलर्स में फ्यूल क्लीनर (Fuel Cleaner) का इस्तेमाल किया जाए तो काफी हद तक इस समस्या से राहत मिल सकती है.
बजाज ऑटो के अनुसार, पुराने BS3 दोपहिया वाहनों में यूजर को हर 1,000 किलोमीटर की ड्राइव के बाद अपने वाहन के फ्यूल टैंक में 40 मिली फ्यूल क्लीनर का इस्तेमाल करना होगा. इससे E20 फ्यूल के इस्तेमाल के बावजूद बाइक सुरक्षित रहेगी.
हालाँकि बजाज ने यह नहीं बताया कि इसका वाहन के परफॉर्मेंस पर क्या असर होगा, लेकिन आमतौर पर इथेनॉल-मिश्रित फ्यूल के प्रयोग के बाद जो चिपचिपा पदार्थ बच जाता है वो फ्यूल पंप, इंजेक्टर और थ्रॉटल बॉडी के लिए खतरा बनता है. ऐसे में यदि फ्यूल क्लीनर का इस्तेमाल किया जाता है तो इससे चिपचिपे पदार्थ को बाहर निकालने में मदद मिलती है.
आमतौर पर वाहनों के फ्यूल टैंक की नियमित सफाई की भी सलाह दी जाती है. समय-समय पर फ्यूल टैंक की सफाई कराने से किसी भी तरह की गंदगी को बाहर किया जा सकता है और फ्यूल क्लीनर एक सस्ता और अच्छा उपाय साबित हो सकता है. ख़ास बात ये है कि, इसकी कीमत भी ज्यादा नहीं होती है. इस समय बाजार में ऐसे कई फ़्यूल क्लीनर मौजूद हैं जो 150 से 200 रुपये में आसानी से मिल जाते हैं.
जहां तक नए दोपहिया वाहन यानी BS4, टू-व्हीलर्स की बात है तो बजाज ऑटो का कहना है कि, नई मोटरसाइकिलें E20 फ्यूल पर चलने के लिए ठीक हैं और इनसे इंजन को कोई नुकसान नहीं होता है. बजाज का कहना है कि इंजनों का परीक्षण किया गया है और अब तक ज़्यादा इथेनॉल-ब्लेंड पेट्रोल पर चलने वाली मोटरसाइकिलों में कोई शिकायत नहीं आई है.
जो लोग गंदगी और चिपचिपे पदार्थ के जमा होने की चिंता करते हैं, उनके लिए फ्यूल सिस्टम क्लीनर का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि कंपनी भी इसकी सलाह देती है. लेकिन जो लोग अभी भी चिंतित हैं, उनके लिए HP या इंडियन ऑयल का 100 ऑक्टेन पेट्रोल सही समाधान है.
बता दें कि, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) ने एथेनॉल को लेकर बढ़ते विवाद को देखते हुए कुछ दिनों पहले सोशल नेटवर्किंग साइट 'X' पर एक बयान जारी किया था. मंत्रालय का कहना है कि, "रेगुलर पेट्रोल की तुलना में एथेनॉल की एनर्जी डेंसिटी कम होने के कारण, माइलेज में मामूली कमी आती है. जो E10 के लिए डिज़ाइन किए गए और E20 के लिए कैलिब्रेट किए गए चार पहिया वाहनों के लिए अनुमानित 1-2%, और अन्य वाहनों के लिए लगभग 3-6% है."
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