युद्ध हुआ तो...PAK की खैर नहीं! इंडियन आर्मी के ये आर्मर्ड व्हीकल्स दुश्मन के छक्के छुड़ा देंगे

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद पाकिस्तान की 'नापाक' हरकत जगजाहिर हो चुकी है. इस कायराना हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन लगातार बढ़ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना को अपने हिसाब से टार्गेट सेट करने और एक्शन करने की खुली छूट भी दे दी है. ऐसे में यदि युद्घ हुआ तो क्या स्थिति होगी?

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Indian Army Armoured Vehicles Indian Army Armoured Vehicles

अश्विन सत्यदेव

  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:03 AM IST

Indian Army Armoured Vehicles: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद पाकिस्तान की 'नापाक' हरकत जगजाहिर हो चुकी है. इस कायराना हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव लगातार बढ़ रहा है. दोनों देशों के बीच युद्ध के आसार दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना को अपने हिसाब से टार्गेट सेट करने और एक्शन करने की खुली छूट का भी ऐलान कर दिया है. 

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ऐसे में यदि दोनों देशों के बीच युद्ध होता है तो क्या स्थिति होगी? सेना बल, हथियार, लड़ाकू विमान और मिसाइल इत्यादि के मामले में भारतीय सेना पाकिस्तान के मुकाबले काफी मजबूत है. भारतीय सेना के पास न केवल एक से बढ़कर एक अत्याधुनिक हथियार हैं बल्कि आर्मर्ड व्हीकल्स (Armoured Vehicles) के मामले में भी इंडियन आर्मी काफी आगे है. जो सेना के जवानों को दुर्गम इलाकों में आसानी और कुशलता से गश्त करने साथ ही दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में काफी मददगार साबित होंगे. आज हम आपको भारतीय सेना के कुछ ऐसे ही आर्मर्ड व्हीकल्स के बारे में बताएंगे जिनका निर्माण टाटा और महिंद्रा जैसी देसी कंपनियों ने किया है. देखें लिस्ट-

आर्मर्ड व्हीकल में भारत के आगे कहां टिकता है पाकिस्तान:

लिस्ट देखने से पहले यह भी जान लें कि आर्मर्ड व्हीकल्स के मामले में भारत के आगे पाकिस्तान कहां टिकता है. ग्लोबल फायर पावर की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में आर्मर्ड व्हीकल के मामले में भारत दूसरे नंबर पर रैंक करता है. इंडिया के पास कुल 1.48 लाख से ज्यादा बख़्तरबंद वाहन है. वहीं पाकिस्तान ग्लोबल रैंकिंग में 30वें स्थान पर है और इस डाटा के अनुसार पाकिस्तान के पास महज 17,516 आर्मर्ड व्हीकल हैं. यानी दोनों देशों के बीच आर्मर्ड व्हीकल को लेकर अंतर 1.31 लाख यूनिट से ज्यादा का है. इससे साफ है कि लैंड पावर के मामले में भारत पाकिस्तान के मुकाबले काफी आगे है.

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Mahindra Armado ALSV:

महिंद्रा आर्मर्ड लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल (ALSV) एक लाइटवेट आर्मर्ड व्हीकल है जिसे ख़ास तौर पर मिलिट्री के इस्तेमाल के लिए बनाया गया है. इसकी ख़ास बात ये है कि इसका मॉड्यूलर डिज़ाइन इसे हर तरह के रास्तों पर सरपट दौड़ने में मदद करता है. इसके अलावा इसे अलग-अलग कामों के लिए कॉन्फ़िगर किया जा सकता है. ये बैलिस्टिक सुरक्षा तो प्रदान करता ही है साथ ही इंडियन आर्मी के लिए विशिष्ट सुविधाओं के साथ आता है.

इसमें एक गन हैच, रन-फ्लैट सिस्टम (फ़ाइनेबल 50km के अनुसार), टायर इन्फ्लेशन सिस्टम, एयर फिल्ट्रेशन, और स्कैवेंजिंग सिस्टम जैसी सुविधाएं दी गई है. इस व्हीकल में 3.2 लीटर की क्षमता का 6-सिलेंडर टर्बो डीजल इंजन इस्तेमाल किया गया है जो कि 215bhp की पीक पावर और 500Nm का टार्क जेनरेट करता है. इसमें 6-8 लोगों के बैठने की क्षमता है. 

इसकी पेलोड कैपिसिटी 1000 किलोग्राम है और इसका कुल वजन 2,500 किलोग्राम है. आर्माडो को जो चीज सबसे अलग बनाती है, वह है इसकी असाधारण सेफ्टी फीचर्स. STANAG लेवल 1 बैलिस्टिक सेफ्टी से लैस इस व्हीकल को  STANAG लेवल II तक अपग्रेड किया जा सकता है. वाहन की बॉडी इतनी मजबूत है कि वो किसी भी तरह के हमले को आसानी से झेल सकती है. मल्टी-लेयर्ड बुलेट-प्रूफ़ ग्लास, एयर फ़िल्ट्रेशन सिस्टम और ब्लास्ट मिटिगेशन फ़्लोर मैट इसे काफी बेहतर बनाता है.

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Mahindra Marksman:

महिंद्रा मार्क्समैन अपने यूनिक मोनोकॉक डिज़ाइन के कारण आर्मर्ड पैसेंजर कैरियर (APC) सेगमेंट में एक बेहतरीन बख्तरबंद व्हीकल है. इस हल्के आर्मर्ड व्हीकल का उपयोग रक्षा, अर्धसैनिक और पुलिस बलों द्वारा भी किया जाता है. खुले इलाकों में गश्त, दंगा नियंत्रण और दुश्मनों के बीच त्वरित कार्यवाई के लिए इसे काफी उपयुक्त माना जाता है. 2.2-लीटर और 2.6-लीटर डीजल इंजन से लैस, मार्क्समैन अपने फोर-व्हील ड्राइव तकनीकी के चलते किसी भी तरह के रोड कंडिशन में आसानी से दौड़ सकता है. इसकी ऑफरोडिंग कैपेसबिलिटी कमाल की है.

महिंद्रा मार्क्समैन भारत का पहला आर्मर्ड कैप्सूल-बेस्ड इन्फैंट्री मोबिलिटी व्हीकल है. इसमें 6 सुरक्षा जवानों के बैठने की व्यवस्था है, साथ ही ये किसी भी तरह के गोलीबारी, बम धमाकों यहां तक कि ग्रेनेड के घातक हमलों को भी आसानी से झेल सकता है. इस वाहन को कंपनी द्वारा काफी मजबूत बनाया गया है और ये 7.62 मिमी गोला बारूद और 2X डीएम 51 ग्रेनेड से सुरक्षा प्रदान करता है. यहां तक कि दो डीएम 51 हथगोले के विस्फोट को भी मार्क्समैन आसानी से झेल सकता है. सेफ्टी के अलावा, Mahindra Marksman में एक कपोला बुर्ज मशीन गन भी दिया गया है जो 270-डिग्री में फायर कर सकता है. 

Kalyani M4:

भारतीय सेना में हाल ही में कल्याणी एम4 को शामिल किया गया है, इसे लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के दौरान सेना ने वाहन के लिए ऑर्डर दिया था. Kalyani M4 भारत में निर्मित एक आर्मड (बख्तरबंद) वाहन है जिसे कल्याणी समूह की पुणे स्थित रक्षा कंपनी भारत फोर्ज द्वारा बनाया गया है. कंपनी को कल्याणी एम4 वाहनों की आपूर्ति के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय से 177.95 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है.

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कल्याणी एम4 को भारतीय सेना की विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए तैयार किया गया है. ये वाहन उबड़-खाबड़ इलाकों में बेहद ही तेज गति से निकल सकती है साथ लैंड माइनिंग, 50khs तक टीएनटी या आईईडी ब्लास्ट को भी झेल सकती है. इसकी टॉप स्पीड लगभग 140 किमी प्रति घंटा है और ये 2.3 टन तक का भार उठाने में सक्षम है.

कल्याणी एम4 को मुख्य रूप से एक्स्ट्रैक्शन और जवानों को बेहतर सुरक्षा देने के लिए तैयार किया गया है. इसमें 8 लोगों के बैठने की व्यवस्था दी गई है, और सभी आर्मर के साथ, M4 का वज़न लगभग 16,000 किलोग्राम है. इसमें 43-डिग्री एप्रोच और 44-डिग्री डिपार्चर एंगल है, और ये 900 मिमी तक पानी की गहराई में भी उतर सकता है, जो इसे कठिन इलाकों या नदियों को पार करने में मदद करता है.

Mahindra MPV-I:

ये महिंद्रा द्वारा तैयार किया गया माइन-प्रोटेक्टेड व्हीकल-I (MPV-I) एक स्पेशलिस्ट ऑफ-रोड व्हीकल है जो कि माइन-रेसिस्टेंट एम्बुश प्रोटेक्टेड (MRAP) टाइप आर्मर्ड पर्सनेल कैरियर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. 6 पहियों वाले इस वाहन में 230hp की क्षमता का डीजल इंजन इस्तेमाल किया गया है. ख़ास बात ये है कि ये भी ऑल व्हील ड्राइव सिस्टम से लैस है यानी कि इसके सभी पहियों में इंजन पावर देता है, जो कि खराब से खराब रास्तों पर भी इसे दौड़ने में मदद करता है.

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यह वाहन बैलिस्टिक और माइन प्रोटेक्शन तकनीक से लैस है, ये वाहन CEN लेवल B6 की साइड सुरक्षा तो प्रदान करता ही है साथ ही स्टैंग लेवल 4A तक ब्लास्टिक सेफ्टी भी देता है. इसका मतलब है कि यह वाहन 90 डिग्री पर 10 मीटर की दूरी से 7.62X51mm, 5.56mm, और 7.62mm साइज के एमिनेशन बॉल का सीधा सामना कर सकता है. भारी गोलीबारी, बम ब्लास्ट या माइन ब्लास्ट हर तरह के हमले को ये वाहन आसानी से झेल सकता है.

Aditya:

आदित्य माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल (OFB) एक माइन-रेसिस्टेंट एम्बुश प्रोटेक्टेड-टाइप का व्हीकल है. जिसका उपयोग भारतीय सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा विस्फोटकों और छोटे हथियारों की आग से सुरक्षा के साथ जवानों को एक जगह से दूसरे जगह पर ले जाने के लिए किया जाता है. ये एक बख्तरबंद व्हीकल है जो अपने मजबूत बॉडी पर किसी भी तरह के हमले झेल सकता है. इसका निर्माण कैस्पिर एमके II के आधार पर किया गया है जिसका इस्तेमाल भारत ने 1990 के दशक में किया था.

DRDO द्वारा डेवलप ‘आदित्य’ आतंकवाद विरोधी अभियानों में लगे सैनिकों को सुरक्षा प्रदान करने में अहम भूमिका निभाता है. इसकी बॉडी 10 मीटर की दूरी पर ऊपर से 45 डिग्री तक और किनारों से 90 डिग्री तक की गोलियों को झेल सकता है. इतना ही नहीं ये IED और TNT ब्लॉस्ट को भी आसानी से झेलने में सक्षम है. इसका V-शेप, स्टील मोनोकोक हल विस्फोट के फोर्स से वाहन में सवार जवानों को सुरक्षित रखने में मदद करता है.

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Tata (QRFV):

टाटा क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल (QRFV) फोर व्हील ड्राइव (4X4) व्हीकल है. जिसे टाटा मोटर्स डिफेंस सॉल्यूशन्स द्वारा सेना, अर्धसैनिक और पुलिस बलों के लिए बनाया गया है. इस वाहन को आतंकवाद विरोधी अभियानों के साथ-साथ एस्कॉर्ट और गश्ती मिशनों के लिए भी डिज़ाइन किया गया है. ये वाहन सभी मौसम और परिस्थितियों में सेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है.

इसमें ड्राइवर, कमांडर और 12 जवानों सहित कुल 14 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. ये आर्मर्ड व्हीकल 14 से 21 किग्रा तक के IED ब्लॉस्ट से भी सुरक्षा प्रदान करता है. इस एमपीवी की लंबाई 6.58 मीटर और चौड़ाई 2.60 मीटर है. कुल 14.3 टन वजनी ये वाहन 1,400 किलोग्राम तक का भार उठा सकता है. इसके सभी विंडो से फायरिंग करने की सुविधा है. टाटा के नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम्स ने इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर इस वाहन पर मिनी प्लग-इन ऑप्ट्रॉनिक पेलोड (मिनीपॉप) इलेक्ट्रो-ऑप्टिक (EO) सिस्टम और एडवांस्ड नेविगेशन सिस्टम (ADNAV) लगाया है. इसके छत पर मशीन-गन भी लगा है जो दुश्मनों पर कहर बनकर टूटता है.

Tata Kestrel:

टाटा के डिफेंस डिविजन और डीआरडीओ द्वारा डेवलप केस्ट्रेल एक व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफ़ॉर्म (WhAP) पर तैयार व्हीकल है. 8 पहियों वाला केस्ट्रेल भारत का पहला एम्फीबियस इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल है. जो खराब से खराब रास्तों पर भी आसानी से दौड़ सकता है. अपने बेजोड़ मारक क्षमता के लिए मशहूर इस व्हीकल में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन, फ्लोटेशन और प्रोपल्शन के साथ इंटिग्रेटेड पावर पैक जैसी अत्याधुनिक तकनीक शामिल है.

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600 हार्सपावर का इसका इंजन इस वाहन के भारी होने के बावजूद इसे हाई-एल्टीट्यूड पर भी आसानी से दौड़ने में सक्षम बनाता है. यह वाहन 24 टन तक के वजन के साथ जमीन और पानी दोनों जगहों पर चल सकता है. इसमें आने वाले पानी के प्रवाह को मोड़ने के लिए हाइड्रोलिक एक्चुएशन सिस्टम के साथ एक एंटी-सर्ज वेन लगा हुआ है. पीछे की तरफ हाइड्रोजेट पानी में आगे बढ़ने में मदद करता है. यह वाहन जमीन पर 100 किमी/घंटा  और पानी पर 10 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है.
 

भारत के पास ATV की पावर:

आर्मर्ड व्हीकल्स के अलावा भारतीय सेना के पास ऑल-टरेन व्हीकल्स (ATV) की भी पावर है. जिसका इस्तेमाल भारतीय सेना ने हाल ही में शुरू किया है. इसका एक वीडियो भी सेना द्वारा जारी किया गया था. ये ATV दुनिया के किसी भी तरह की भौगोलिक परिस्थितयों में चलने के हिसाब से बनाई गई हैं. इसमें से एक तो गुजरात के कच्छ में भी तैनात है. इन एटीवी में तीन अलग-अलग मॉडल (Polaris Sportsman, Polaris RZR और JSW-Gecko ATOR) शामिल हैं. ये वाहन किसी भी तरह की दुरुह चढ़ाई, ढलान, पथरीले रास्तों पर चढ़, चल और दौड़ सकते हैं. 

कुछ दिनों पहले लद्दाख के लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास इन वाहनों को डिप्लॉय भी किया गया थ. यहां पर निगरानी रखने के लिए जरूरी है कि भारतीय सैनिकों के पास आधुनिक हथियार, यूनिफॉर्म, गाड़ियां और अन्य सुविधाएं हों. ये गाड़ियां कम वजन की और हाई-मोबिलिटी के अनुसार बनाई गई हैं. इनकी मैन्यूवरिंग बेहद आसान है. ये किसी भी तरह के रास्ते पर चल सकती हैं और जवानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जा सकती हैं.  

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