अब सड़क किनारे मिलेगी ये सुविधाएं, 'इमरजेंसी' में नहीं करना पड़ेगा इंतजार!

हर साल भारत में 5 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. ये दुनिया की 11% सड़क दुर्घटनाओं के बराबर है. इतना ही नहीं सरकार की कोशिश इस संख्या को घटाकर 2 लाख तक लाने की है.

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सरकार की कोशिश सड़क दुर्घटना कम करने की (सांकेतिक फोटो) सरकार की कोशिश सड़क दुर्घटना कम करने की (सांकेतिक फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:28 AM IST
  • हर साल होती हैं 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं
  • एक्सप्रेसवे के किनारे बनेंगे हैलीपैड

देश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है. इनमें एक्सप्रेसवे और हाइवे किनारे कई ऐसी फैसिलिटी मिलेंगी जो इमरजेंसी के वक्त बहुत उपयोगी साबित होंगी. इनके बारे में जानकर एक बार तो आप भी कहेंगे-वाह क्या बात है!

एक्सप्रेसवे पर बनेंगे हैलीपैड
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वी. के. सिंह ने हाल में एक कार्यक्रम के दौरान सरकार के सड़क सुरक्षा उपायों की जानकारी दी. पीटीआई के मुताबिक सिंह ने कहा कि सरकार लगातार देश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की कोशिश कर रही है. इसलिए सरकार एक्सप्रेसवे के साथ-साथ हैलीपैड और कई अन्य इमरजेंसी सुविधाएं विकसित कर रही है. वहीं अस्पताल इन जगहों पर ट्रॉमा सेंटर भी बना सकते हैं. इसके अलावा सरकार हर टोल प्लाजा पर एंबुलेंस की व्यवस्था भी कर रही है.

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हर साल होती हैं 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं
वी. के. सिंह ने कहा कि हर साल भारत में 5 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. ये दुनिया की 11% सड़क दुर्घटनाओं के बराबर है. इतना ही नहीं सरकार की कोशिश इस संख्या को घटाकर 2 लाख तक लाने की है. उन्होंने कहा कि अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं दूसरों की गलती के चलते होती हैं. सड़क सुरक्षा के लिए जागरुकता लाकर और सभी स्टेकहोल्डर्स के प्रयासों से इसमें कमी लाई जा सकती है.

मंत्रालय उठा चुका है ये कदम भी
वी. के. सिंह ने देश में इस्तेमाल होने वाली कारों के लिए एयरबैग के इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की जरूरत पर भी बल दिया. हाल में केंद्र सरकार ने एयरबैग के लिए नए मानक तय किए हैं. अब से देश में कारों के लिए 6 एयरबैग को अनिवार्य बनाया गया है. इसके अलावा सरकार ने हाल में इंडिया में ही कारों के क्रैश टेस्ट और सेफ्टी रेटिंग (Bharat NCAP) की व्यवस्था करने का ऐलान किया है. इसके लिए जल्द नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. भारत एनसीएपी को ग्लोबल एनसीएपी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा.

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