Subsidy On Stubble Disposal Machinery: हर साल फसलों की कटाई के समय दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब में प्रदूषण की भीषण समस्या खड़ी हो जाती है. इस बीच खरीफ फसलों की कटाई शुरू होने वाली है. ऐसे में सरकारों की तरफ से पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए तमाम तरह के जतन भी शुरू हो गए हैं.
हरियाणा में किसान खेतों में पराली न जलाएं, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा किसानों को अनुदान पर पराली निस्तारण यंत्र दिया जा रहा है. कृषि विभाग के अनुसार जिन गांवों में पिछले साल पराली जलाने के पांच से ज्यादा मामले आए थे, वे रेड जोन में शामिल हैं. वहीं जिन गांवों मे 5 से कम मामले थे उनको येलो जोन में शामिल किया गया है.
30 सितंबर तक करें पराली निस्तारण यंत्रों के लिए आवेदन
इससे पहले हरियाणा सरकार ने पराली निस्तारण यंत्रों के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 7 सितंबर तय की थी. लेकिन किसानों की मांग को देखते हुए इस आगे बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है. रेड व येलो जोन में शामिल गांव के किसान, जो कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए आवेदन नहीं कर पाए थे, उनके लिए इस बार पराली निस्तारण यंत्रों के लिए हरियाणा कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं
किन किसानों को मिलेगा लाभ?
> पिछले 2 वर्षों के दौरान किसानों ने पहले से कोई सब्सिडी नहीं ली है
> राज्य सरकार के मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण होना अनिवार्य है
> 70% छोटे और सीमांत किसानों को आरक्षित किए जाएंगे ये यंत्र
इन यंत्रों पर अनुदान
हरियाणा सरकार इस योजना के तहत कंबाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, रिवर्सेबल एमबी प्लफ, हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रा चॉपर, मल्चर, सुपर सीडर, बेलिंग मशीन, क्राप रीपर जैसी मशीनें पर अनुदान दे रही है. इस योजना के तहत सरकार की तरफ से व्यक्तिगत श्रेणी के किसानों को 50 प्रतिशत जबकि कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापना हेतु 80 प्रतिशत अनुदान पर कृषि यंत्र दे रही है. लाभार्थियों का चयन कृषि विभाग की तरफ से गठित जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति द्वारा किया जाएगा.
अधिक जानकारी के लिए यहां करें संपर्क
इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए किसान भाई विभाग की तरफ से दिए गए टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 पर भी कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा कृषि एवं कल्याण विभाग हरियाणा के वेबसाइट को भी विजिट कर सकते हैं.
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