प्याज की मांग साल भर बनी रहती है, इसे उगाकर किसानों को फायदा हो सकता है. अक्टूबर का महीना प्याज की बुवाई के लिए बेहतर माना जाता है. इस समय वातावरण में मिलने वाली नमी और तापमान का संतुलन प्याज के लिए फायदेमंद हो सकता है. प्याज की फसल जल्दी तैयार होने के लिए जानी जाती है. किसान सही समय पर प्याज उगाकर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं.
प्याज की अच्छी किस्म का करें चयन
प्याज के सही विकास के लिए उसकी उचित किस्म का चयन करना लाभ पहुंचा सकता है. प्याज की उन्नत किस्म के लिए आप अक्टूबर में पूसा रेड (Pusa Red), एग्री फाउंड डार्क रेड (Agrifound Dark Red) एन-53 (N-53) किस्म का चयन कर सकते हैं.
कैसे करें प्याज की बुवाई?
प्याज की बुवाई के लिए सबसे पहले हमें मिट्टी की जानकारी होनी चाहिए. माना जाता है कि प्याज की बुवाई के लिए दोमट मिट्टी अच्छी होती है. प्याज के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का चयन करना फायदा पहुंचाने में मदद करता है. प्याज की बुवाई के लिए बीजों को गमले या नर्सरी की मदद से तैयार कर सकते हैं. इसके बाद 4 से 6 हफ्ते बाद आप इनको खेत में बो सकते हैं. पौधों के बीच 10 से 12 सेमी की उचित दूरी बनाए रखना उचित माना जाता है.
पौधों की देखभाल जरूरी
प्याज के पौधों की देखभाल के लिए उर्वरक का इस्तेमाल कर सकते हैं. प्रति हेक्टेयर भूमि में यदि 60–70 किलो नाइट्रोजन, 30–40 किलो फॉस्फोरस और 20–25 किलो पोटाश सही मात्रा में मिलाया जाए, तो प्याज के उत्पादन में वृद्धि हो सकती है. उर्वरक को इस्तेमाल मिट्टी जांच के अनुसार करना चाहिए, जिससे फसल को सही मात्रा में पोषण मिल सके.
इसके अलावा प्याज की देखभाल करने के लिए उचित मात्रा में सिंचाई करनी चाहिए. प्याज की फसल में सिंचाई का बहुत महत्त्व होता है. हल्की जलवायु में हफ्ते में 2-3 बार सिंचाई पर्याप्त मानी जाती है, ध्यान दें कि फूल आते समय सिंचाई कम कर देनी चाहिए, जरूरत से ज्यादा सिंचाई करने से प्याज सड़ सकते हैं और इसे नुकसान पहुंच सकता है.
आजतक एग्रीकल्चर डेस्क