शीतलहर से फसलों को पहुंच सकता है नुकसान, पाले से बचाव के लिए ये टिप्स अपनाएं किसान

ठंड के मौसम में फसलों पर पाला पड़ने से किसानों को काफी नुकसान पहुंचता है. कई बार तो फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाती है. इसलिए कृषि वैज्ञानिकों की तरफ से फसल को शीतलहर और पाले के प्रकोप से बचाने के लिए सुझाव दिए गए हैं.

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आजतक एग्रीकल्चर डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST

देश के कई राज्‍यों में शीतलहर का प्रकोप शुरू हो गया है, जो आने वाले दिनों में ओर बढ़ सकती है. सर्दी बढ़ने के साथ ही अगले कुछ दिनों में शीतलहर का दायरा और बढ़ने की आशंका है. ऐसे में किसानों को फसलों की देखभाल करने की ज्‍यादा जरूरत है. लापरवाही बरतने पर फसलों में कीट, रोग और पाला आदि लगने का खतरा है, जिससे फसल चौपट हो सकती है. इसलिए कृषि वैज्ञानिकों ने फसल को पाले की चपेट में आने से बचाने के लिए उपाय बताए गए हैं. 

फसल को पाला पड़ने से ऐसे बचाएं 

कृषि वैज्ञानिक के अनुसार, किसानों को इस मौसम में फसलों का बचाव करना चाहिए इस सीजन में गेहूं, मटर और आलू जैसी फसलें लगी होती हैं, जिनपर शीतलहर से बुरा असर पड़ता है. इन फसलों में झुलसा रोग का खतरा बना रहता है, जिससे बचाव के लिए दवाओं का छिड़काव जरूरी है. कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक, शीतलहर चलने पर गेहूं के खेतों में हल्की सिंचाई करना अच्छा होता है. इससे फसल पर शीतलहर का दुष्‍प्रभाव नहीं पड़ता. इसी तरह आलू के खेतों में भी पानी भरने की सलाह दी जाती है. 

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चार डिग्री या इससे कम तापमान रहने पर फसलों में पाला पड़ने की संभावना बनी रहती है. फसल को शीतलहर या पाले से बचाने के लिए रात में प्‍लास्टिक कवर, फूस की बनी टाट या पुआल से ढक देना चाहिए. इससे फसल सुरक्षि‍त रहती है. लेकिन, इस बात का ध्‍यान रखें कि जिस चीज से फसल को ढक रहे हैं, उसमें ज्‍यादा वजन ना हो वरना फसल को नुकसान पहुंचेगा और पौधे टूट सकते हैं. 

सरसों को पाले से बचाने के लिए फसल पर थायोयूरिया के छिड़काव की सलाह दी जाती है. इसके लिए एक लीटर पानी में थायोयूरिया आधा ग्राम या 2 ग्राम घुलनशील गंधक मिलाकर घोल तैयार कर लें और फिर इसका छिड़काव करें. इससे 15 दिन तक फसल की पाले से सुरक्षा की जा सकती है.

शीतलहर में सबसे ज्‍यादा फल और सब्जियों के पौधों को खतरा रहता है. ऐसे में इन्‍हें रात के समय प्लास्टिक शीट से कवर करने से पाला नहीं पड़ता है और रात में मिट्टी का तापमान कम नहीं होता है. वहीं, सुबह धूप होने पर प्लास्टिक की शीट हटा देनी चाहिए.

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