देश के कई राज्यों में भूजल संकट बढ़ गया है. इसका सबसे ज्यादा असर खेती-किसानी पर पड़ रहा है. सिंचाई प्रकिया प्रभावित होने लगी है. ऐसे में राज्य सरकार और किसान मिलकर सिंचाई की अन्य विकल्पों को तलाशने लगे हैं. इस कड़ी में हरियाणा सरकार भी ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति अपनाने और रिचार्जिंग बोरवेल इंस्टॉल करवाने के लिए किसानों को बंपर सब्सिडी दे रही है.
हरियाणा सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई अपनाने पर 85 प्रतिशत का अनुदान दे रही है. बता दें कि ड्रिप सिंचाई जिसे टपक सिंचाई भी कहते हैं. इस विधि में बूंद-बूंद के रूप में फसलों की जड़ के पास तक एक छोटी व्यास की प्लास्टिक पाइप से पानी प्रदान किया जाता है. ड्रिप सिंचाई विधि से फसलों की उत्पादकता में 20 से 30 प्रतिशत तक अधिक लाभ मिलता है साथ ही 60 से 70 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है.
स्प्रिंकल विधि से सिंचाई नल द्वारा खेतों में पानी भेजा जाता है. वहां राइजर पाइप द्वारा खेतों में छिडक़ाव विधि से सिंचाई की जाती है. पानी की बचत और उत्पादकता के हिसाब से स्प्रिंकल विधि ज्यादा उपयोगी मानी जाती है.
जल संचय को लेकर भी हरियाणा सरकार सरकार गंभीर है. पानी बचाने के लिए सरकार ने 1,000 रिचार्जिंग बोरवेल लगाने का फैसला किया गया है. बोरवेल लगवाने में 25 हजार की राशि सरकार खर्च करेगी. हरियाणा सरकार ने रीचार्जिंग बोरवेल पर आवेदन की प्रक्रिया को ऑनालइन कर दिया है.
यदि आप भी हरियाणा के किसान हैं और अपने खेत में चल संचयन के लिए बोरवेल लगवाना चाहते हैं तो सिंचाई और जल संसाधन विभाग, हरियाणा की वेबसाइट hid.gov.in पर विजिट करके आवेदन कर सकते हैं.
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