Cyclone Jawad: बंगाल में चक्रवाती तूफान से हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद, सब्जियों के दाम बढ़ने की आशंका

Cyclone Jawad: चक्रवाती तूफान जवाद की वजह से बने निम्न दबाव से रविवार को शुरू हुई बारिश सोमवार रात तक जारी रही. आज भी कई जगहों पर बारिश हो रही है. ऐसे में धान, आलू, प्याज और ठंड की सब्जियों को भारी नुकसान पहुंचा है.

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हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद

अनुपम मिश्रा

  • कोलकाता,
  • 07 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:17 PM IST
  • कई जगहों पर बारिश हो रही
  • आलू की पूरी फसल बर्बाद

Vegetable Price Hike due to Cyclone Jawad Rainfall: पश्चिम बंगाल के कई जिलों में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश की वजह से हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो जाने से किसानों को खून के आंसू रोने पड़ रहे हैं. हावड़ा, हुगली, बर्धमान, पश्चिम मिदनापुर और पूर्व मिदनापुर में इन किसानों की तबाही का ठिकाना नहीं है.

चक्रवाती तूफान जवाद की वजह से बने निम्न दबाव से रविवार को शुरू हुई बारिश सोमवार रात तक जारी रही. आज भी कई जगहों पर बारिश हो रही है. ऐसे में धान, आलू, प्याज और ठंड की सब्जियों को भारी नुकसान पहुंचा है. सिंगूर के किसान श्यामापद कोले का रो-रोकर बुरा हाल है. 25 हजार रुपए कर्ज लेकर इन्होंने सब्जियों की खेती की थी. खासकर आलू की पूरी फसल बर्बाद हो चुकी है.

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घर में दो बच्चों बीबी और माता पिता की पूरी जिम्मेदारी श्यामपद के ऊपर ही है. ऐसे में अब वो क्या करेंगे समझ नहीं पा रहे. बात करते करते श्यामापद की आंखे भर आती हैं. बताते हैं सबके सामने झूठी और फीकी मुस्कान लिए घूम रहे हैं. लेकिन भीतर दुख का दरिया फूट पड़ा है. आगे क्या होगा कैसे होगा कुछ समझ नहीं आ रहा. बंगाल सरकार इस वक्त नुकसान का जायेगा लेने में जुटी हुई है. कृषि मंत्री शोभन देब चट्टोपाध्याय बताते हैं कि हमने सभी प्रभावित जिलों के अधिकारियों से मीटिंग की है और नुकसान का जायेजा लेने में थोड़ा वक्त लगेगा. सभी किसानों को बीघे के तौर पर मुआवजा दिया जाएगा. और सभी को मुआवजा दिया जाएगा.

वहीं, किसानों के मुताबिक यह मुआवजा काफी नहीं है. जो नुकसान हुआ है वह बहुत ज्यादा है. चार बीघा जमीन के मालिक प्रसेनजीत दास की धान की खेती पानी के नीचे सिसक रही है. धान अब किसी काम का नहीं रहा. प्रसेनजीत ने आलू समेत ठंड की सब्जियों भी बोई थी सभी बर्बाद हो चुकी है. परिवार के 8 लोगों का जिम्मा प्रसेनजीत पर अकेले है. खेत में भीगे धान से बालियां निकालने की कोशिश कारगर नहीं हो रही क्योंकि अब यह धान किसी काम का नहीं रहा. 

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लगभग यही हाल समीर घोष का है, जिनकी 7 बीघा खेती नष्ट हो चुकी है. दरअसल दिसंबर में ऐसी बारिश इन लोगों ने कभी नहीं देखी. ठंड की इन सब्जियों पर लगातार दो दिन तक बारिश का पानी गिरा ऊपर से पानी खेतों में जम गया है ऐसे में पूरी फसल बर्बाद हो चुकी है. समीर घोष ने भी 2 लाख रुपए कर्ज लेकर खेती की थी. अब सब पानी में समा चुका है. दरअसल, बंगाल के इन इलाकों में ज्यादातर छोटे किसान हैं और ज्यादातर किसानों ने कर्ज लेकर खेत जोते थे. ऐसे में सब बेहद परेशान हैं. 

 

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