मुर्गियों को चारे के साथ कंकड़ और पत्थर का पिसा हुआ चूरा खिलाया जाता है. शायद आप इसपर विश्वास न करें. लेकिन ये सच्चाई है. मुर्गियों को दाने के साथ-साथ कंकड़ और पत्थर भी खिलाया जाता है. इन कंकड़ -पत्थरों को हजम करने में मुर्गियों को भी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है. साथ ही, इसे खिलाने पर उनके स्वास्थ्य पर भी किसी तरह का नुकसान नहीं होता है.
मुर्गियों को दाने के साथ क्यों दिया जाता है कंकड़ और पत्थर
मुर्गियों को दाने के साथ कंकड़ और पत्थर खिलाने के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं. दरअसल, मुर्गियों के अंडे को मजबूती दिलाने के लिए उन्हें कंकड़ और पत्थर खिलाया जाता है. पोल्ट्री एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पत्थर और कंकड़ खिलाने से मुर्गियां जब मजबूत अंडे देने लगती हैं, तो इनके टूटने का खतरा कम हो जाता है. ऐसे में मुर्गी पालकों को नुकसान भी कम होता है. कम नुकसान के चलते उनके मुनाफे में निश्चित ही इजाफा होगा.
कंकड़-पत्थर नहीं खिलाने से मुर्गियों का अंडा रह सकता है कमजोर
किसान तक की एक रिपोर्ट के अनुसार अंडे का छिलका जितना मजबूत होगा उसे ट्रांसपोर्ट करने में उतनी ही आसानी रहेगी. अंडे का छिलका मजबूत नहीं होने पर ये अंडा टूट सकता है. कई पोल्ट्री फॉर्म में तो मुर्गियों को सड़क बनाने में इस्तेमाल कि जाने वाली ग्रे कलर की गिट्टी भी खिलाई जाती है.इस गिट्टी के बहुत छोटे-छोटे टुकड़े और इसका पिसा हुआ बुरादा दाने में मिलाया जाता है.
मुर्गियों को कैल्सियम की दवाएं भी दी जाती हैं
मुर्गियों के अंडों के छिलके को पत्थर के कैल्शियम से मजबूत किया जाता है. हालांकि, मुर्गियों को कैल्सियम की दवाएं भी देकर उनके अंडे को मजबूत बनाया जाता है. हालांकि, ज्यादा मात्रा में उन्हें कैल्सियम की दवाएं देना काफी नुकसानदायक है. ऐसे में ज्यादातर लोग मुर्गियों को दाने के साथ कंकड़ और पत्थर खिलाने को ही तरजीह देते हैं.