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Russia-Ukraine War: यूक्रेन में भारी संख्या में टैंक ला रहा है रूस, जानिए कितने घातक हैं

यूक्रेन पर रूस के हमलों का कहर जारी है. वहीं रूस इसी कोशिश में लगा है कि कैसे भारी संख्या में कीव में टैंक ​​लाए जाएं और राजधानी पर कब्जा किया जा सके. रूस के टैंकों की मारक क्षमता पर एक नज़र डाल लेते हैं.

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भारी संख्या में टैंक ला रहा है रूस
भारी संख्या में टैंक ला रहा है रूस
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रूस स्टेपल T-90 और T-72 के साथ, T-14 आर्मटा स्टील्थ टैंक का इस्तामल कर रहा है
  • रूस के पास अनुमानित 12,000 टैंक हैं, जो यूक्रेन से काफी ज़्यादा

यूक्रेन-रूस संघर्ष में रूसी सेना ने अब तक बड़े पैमाने पर हवाई हवाई हमले किए हैं. जिससे जमीनी सैनिकों के लिए रास्ता बन सके, और यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा किया जा सके. रूसी सेना का अगला आक्रामक कदम भारी संख्या में टैंक ​​लाना है. हवाई ऑपरेशन ने सैन्य ठिकानों और ऊंची इमारतों को निशाना बनाया है. रूसी सेना ने अभी तक यूक्रेन में टैंक हमलों की सूचना नहीं दी है, लेकिन ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जिनसे पता चलता है कि कीव की तरफ रूसी टैंको का बढ़ना शुरू हो गया है.
 
एक वीडियो में दिख रहा है कि उत्तरी यूक्रेन में, यूक्रेन के नागरिकों ने एक टैंक काफिले को रोक दिया है.

 

एक अन्य वीडियो भी इस वक्त वायरल है, जिसमें सड़क के किनारे खड़े एक टैंक के पास कुछ रूसी सैनिक खड़े हैं औऱ एक यूक्रेनी नागरिक उनसे बात करता है और 'उन्हें वापस रूस ले जाने' की पेशकश करता है.

 

रूस के टैंकों की मारक क्षमता पर एक नज़र 

रूस के टैंक कितने ही शक्तिशाली क्यों न हों, लेकिन अन्य सभी सैन्य क्षमताओं की तरह, टैंकों की मारक क्षमता की बात करें तो रूस को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. रूस के पास अनुमानित 12,000 टैंक हैं, जो यूक्रेन से 2,500 ज़्यादा हैं. लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष में वे किस तरह के टैंकों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

टैंकों के अलावा, बख्तरबंद कर्मियों के वाहनों की बात आती है, तो रूसी सेना इसमें भी काफी अच्छी है. इसमें हथियार होते हैं और लक्ष्य तक पहुंचकर हमला करने के लिए ये सैनिकों को ले जाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.

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रूस के पास टैंकों की फौज है

रूस स्टेपल T-90 और T-72 के साथ, T-14 आर्मटा स्टील्थ टैंक का इस्तामल कर रहा है. लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो T-14 की संख्या अभी भी कम है. पिछले साल के अंत तक, रूसी सेना को 20 T-14 टैंकों की डिलीवरी मिलनी थी.

नए टैंकों की विशेष विशेषताओं में से एक मानव रहित टैंक है. यह एक माउंटिंग प्लेटफॉर्म है जिसका इस्तेमाल फायरिंग के लिए किया जा सकता है, जो दल को सुरक्षित रखता है क्योंकि गनर्स को इसें शेल्टर मिलता है.

कहा जाता है कि आर्मटा दूसरों की तुलना में तेज और गतिशीलता में बेहतर है. ये हल्का है, साथ ही शहरी युद्ध के लिए सबसे सही है, जो फिलहाल चल रहा है. इस युद्ध में रूस के पास अपग्रेड किए हुए T90 टैंक होने की भी सूचना थी.

एक अन्य वीडियो में लॉन्चर के साथ T- 72 टैंक दिख रहा है, जो घातक थर्मोबैरिक रॉकेटों को फैंक सकता है, जिसके विस्फोट से ऑक्सीजन की कमी होगी और लोगों सांस नहीं ले पाएंगे. इससे मास किलिंग की जा सकती है.

 

यूक्रेन ने 146 टैंक नष्ट करने का दावा किया

यूक्रेन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक सेना ने 146 रूसी टैंकों को नष्ट कर दिया है. हालांकि आधिकारिक तौर पर आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं. इससे साफ पता चलता है कि रूस भारी मात्रा में टैंक ला रहा है.

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यूक्रेन की टैंक शक्ति रूस के साथ मेल नहीं खाती. लेकिन उनके पास इसका जवाब है. यही कारण है कि यूक्रेन अपनी टैंक-विरोधी क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

 

यूक्रेन के पास टी-सीरीज़ के सोवियत युग के टैंक भी हैं, लेकिन ये कम ही होंगे क्योंकि उनकी सेना आक्रमण करने की स्थिति में नहीं है. जबकि अमेरिका जेवलिन एंटी टैंक मिसाइलों का निर्माण करता है, जिनका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है और यूक्रेन की सरकार इन्हीं पर ज़्यादा जोर दे रही है.

अमेरिका ने छोटे हथियारों, एंटी टैंक हथियारों और 350 मिलियन डॉलर की कीमत के हथियारों की सैन्य सहायता की घोषणा की है. यूक्रेन को उम्मीद है कि उन्हें 2019 से लंबित जेवलिन मिसाइलों का दूसरा बैच मिल सकता है जिसे वे रूसी टैंकों के खिलाफ इस्तेमला कर सकते हैं. जर्मनी ने यूक्रेन को 1000 और नीदरलैंड ने 50 एंटी-टैंक गन देने का वादा किया है.

 

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