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रमजान में मस्जिदों के सामने डच संगठन के इस कदम पर छिड़ा विवाद

रमजान के वक्त एक डच संगठन ने नीदरलैंड्स में एक मस्जिद से सामने विवादित भोज आयोजन करने की अर्जी दी है. इससे पहले भी संगठन ने इस तरह के सामूहिक भोज का आयोजन किया है. इन सामूहिक भोज में इस्लाम में प्रतिबंधित सूअर का मांस पकाया जाता है, जिसे लेकर काफी विवाद भी होता आया है.

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रमजान का महीना शुरू हो चुका है (Photo- Reuters)
रमजान का महीना शुरू हो चुका है (Photo- Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मस्जिद के सामने भोज आयोजित करने का प्लान
  • डच संगठन ने लिया फैसला
  • पहले भी हो चुका है विवाद

यूरोपीय देश नीदरलैंड्स में एक डच संगठन ने मस्जिद के पास इफ्तार के वक्त बारबीक्यू (ग्रिल या भूनकर खाना पकाना) आयोजित करने का निर्णय लिया है.  इस योजना को लेकर विवाद शुरू हो गया है.

तुर्की की समाचार एजेंसी ANADOLU AGENCY ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि इफ्तार के वक्त मस्जिद के सामने डच समूह द्वारा भोज का आयोजन जानबूझकर किया जा रहा है. इफ्तार में मुसलमान रमजान के महीने में दिन भर के उपवास के बाद सूर्यास्त के बाद भोजन और पानी ग्रहण करते हैं. मस्जिदों में या उनके बाहर सामूहिक इफ्तार का आयोजन भी किया जाता है. 

इसी बीच डच संगठन PEGIDA, Patriotic Europeans Against the Islamization of West (पश्चिम के इस्लामीकरण के खिलाफ देशभक्त यूरोपीय) भी मस्जिदों के बाहर भोज का आयोजन कर रहा है. PEGIDA ने जानकारी दी है कि अगले हफ्ते मस्जिदों के सामने बारबीक्यू आयोजित किया जाएगा. 

PEGIDA इससे पहले भी कई बार रमजान के महीने में इस तरह के आयोजन कर चुका है जो काफी विवादित रहा है. कई बार संगठन ने अपने बारबीक्यू में सूअर का मांस बनाया है जो इस्लाम में प्रतिबंधित भोजन माना जाता है.

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उनका कहना है कि देश के 12 शहरों में भोज का आयोजन सूर्यास्त के बाद रोजा तोड़ने के वक्त किया जाएगा, जिसके लिए संगठन ने आवेदन दे दिया है. संगठन इस तरह के भोज को 'रमजान बारबेक्यू टूर' कहता है.

संगठन ने आयोजन के लिए आवेदन करते वक्त ये तर्क दिया कि COVID-19 महामारी के कारण इन आयोजनों को दो साल तक अनुमति नहीं दी गई, इसलिए अब उन्हें बारबीक्यू के आयोजन के लिए अनुमति मिलनी चाहिए.

PEGIDA ने साल 2014 में पहली बार जर्मनी के ड्रेसडेन में 350 लोगों के साथ मिलकर इस तरह का आयोजन किया था. इस आयोजन में 12 आयोजक भी शामिल थे.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2015 की शुरुआत में PEGIDA के सदस्यों की संख्या लगभग 25 हजार तक पहुंच गई थी. हालांकि बाद में इस संख्या में गिरावट आई. संगठन जर्मनी के अंदर और उसके आसपास के देशों में सक्रिय रहता है. 

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