नीदरलैंड के द हेग में डच पुलिस ने हिंसक एंटी-माइग्रेशन प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया.इस दौरान 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि दो पुलिसकर्मी घायल हुए. अधिकारियों ने कहा कि आने वाले दिनों में कैमरा फुटेज की समीक्षा के बाद और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नीदरलैंड में आम चुनाव से ठीक एक महीने पहले एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में हज़ारों लोग शामिल हुए, जिन्होंने सख्त प्रवासन नीतियों और शरणार्थियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की.
एनओएस की फुटेज में देखा गया कि प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह था, जिनमें कई लोग डच फ्लैग और अति-दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े झंडे लिए हुए थे. पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की हिंसक झड़प हुई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पत्थर और बोतलें फेंकी.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की एक कार में आग लगा दी और प्रदर्शन स्थल के पास हाईवे कुछ समय के लिए ब्लॉक कर दिया. स्थानीय मीडिया के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने मध्य-वामपंथी डी66 पार्टी के मुख्यालय पर तोड़फोड़ की. खिड़कियों पर पत्थर फेंके. डी66 पार्टी को दक्षिणपंथी विचारधारा वाले कई लोग प्रगतिशील अभिजात वर्ग की सेवा करने वाली पार्टी मानते हैं.
डी66 नेता रॉब जेटन ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर कहा कि अंदर भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि अगर आपको लगता है कि आप हमें डरा सकते हैं, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है, हम चरमपंथी दंगाइयों को अपना खूबसूरत देश कभी नहीं छीनने देंगे.
प्रवासन-विरोधी नेता गीर्ट वाइल्डर्स, जिन्होंने नीदरलैंड में पिछला चुनाव जीता था और हाल ही में 29 अक्टूबर को होने वाले मतदान से पहले जनमत सर्वेक्षणों में अपनी बढ़त बनाए रखी थी, उन्हें प्रदर्शन में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे नहीं आए. इसके बजाय उन्होंने एक्स पर हिंसा की निंदा की और कहा कि पुलिस पर बल प्रयोग पूरी तरह से अस्वीकार्य है, और इसमें शामिल लोगों को मूर्ख बताया.