
गुलाम भारत के आखिरी वायसराय रहे लॉर्ड माउंटबेटन की हत्या करने वाले संगठन ने बीते दिन माफी मांग ली है. आयरलैंड के नेशलिस्ट संगठन सिन फेन पार्टी की नेता मैरी मैक्डॉनल्ड ने सोमवार को सार्वजनिक तौर पर लॉर्ड माउंटबेटन की हत्या के लिए माफी मांगी. खास बात ये है कि ये माफी तब आई है, जब हाल ही में प्रिंस फिलिप का निधन हुआ है. प्रिंस फिलिप भी लॉर्ड माउंटबेटन के परिवार से ही संबंध रखते थे.
टाइम्स रेडियो के साथ एक बातचीत में मैरी मैक्डॉनल्ड ने कहा कि बिल्कुल, जो हुआ था वो सही नहीं था और उसके लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं. मैं बार-बार इस माफी को दोहराने के लिए तैयार हूं.
बता दें कि आयरलैंड की नेशनलिस्ट पार्टी द्वारा लॉर्ड माउंटबेटन की हत्या के संबंध में पहली बार हुआ है, जब किसी ने माफी मांगी है. साल 2015 में तब के पार्टी अध्यक्ष ने जब प्रिंस चार्ल्स से मुलाकात की थी, तब लॉर्ड माउंटबेटन की हत्या को लेकर माफी मांगने से इनकार कर दिया था. सिन फेन पार्टी तब की आयरिश रिपब्लिकन आर्मी की ही मौजूदा पॉलिटिकल विंग है.
कब हुई थी लॉर्ड माउंटबेटन की हत्या?
गुलाम भारत के आखिरी वायरसराय और भारत की आजादी/बंटवारे में अहम भूमिका निभाने वाले लॉर्ड माउंटबेटन का ब्रिटेन में बड़ा रुतबा था. वो शाही परिवार के संबंधी थे, लेकिन 27 अगस्त 1979 में जब लॉर्ड माउंटबेटन 79 साल के थे, तब उनकी हत्या कर दी गई थी.
आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (IRA) द्वारा लॉर्ड माउंटबेटन को मारा गया था. आयरलैंड के क्लिफॉने में जब माउंटबेटन अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने आए हुए थे, तब वहां वो उस रोज़ मछलियां पकड़ने गए. लेकिन उसके अगले दिन जब माउंटबेटन एक नाव से दूसरे गांव जाने के लिए रवाना हुए, तब वो उनका आखिरी सफर साबित हुआ.

माउंटबेटन अपनी बोट में बैठकर रवाना हुए थे, उनके साथ कई सुरक्षा गार्ड भी थे. लेकिन बोट के पास कुछ दूरी पर मौजूद एक व्यक्ति ने वहां रिमोट का बटन दबाया और पूरी नाव के परखच्चे उड़ गए. इसी घटना में माउंटबेटन की मौत हो गई थी.
दरअसल, आयरलैंड लंबे वक्त से अपनी स्वायत्ता और ब्रिटिश शाही परिवार के जुल्मों की बात करता था और आयरिश रिपब्लिकन आर्मी इसी जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ने का दावा करती थी. ब्रिटिश शाही परिवार को गहरी चोट पहुंचाने के लिए ही लॉर्ड माउंटबेटन की हत्या की गई.