इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने युद्ध और मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इस पर इजरायल की प्रतिक्रिया सामने आ गई है. इजरायल ने कहा कि यह हेग स्थित इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के लिए एक काला क्षण है, जो इसकी वैधता को कमजोर करता है.
इजरायल ने कहा कि ICC पश्चिम एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के खिलाफ काम करने वाले सबसे चरमपंथी तत्वों के लिए एक राजनीतिक उपकरण के रूप में काम कर रहा है. ICC ने एक लोकतंत्र के निर्वाचित नेताओं के खिलाफ बिना अधिकार के काम किया, जो न्यायालय का सदस्य नहीं है. यह एक खतरनाक मिसाल है.
इजरायल ने अपने बयान में कहा कि ये वारंट न केवल हमारे नेताओं के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से निर्देशित हैं, बल्कि ये इजराइल के खुद का बचाव करने के अधिकार पर हमला है. ये फैसला बंधक समझौते या युद्धविराम तक पहुंचने की संभावनाओं को कमजोर करता है और उन लोगों की मदद करता है जो खुले तौर पर इजराइल के विनाश की मांग कर रहे हैं.
इजरायल ने कहा कि ये फैसला एक नैतिक कमी है, जो अच्छे को बुरे में बदल देती है और बुराई की रक्षा करती है. ये निर्णय आतंकवाद से लड़ने की लोकतंत्र की क्षमता को नुकसान पहुंचाता है.
इजरायल ने कहा कि एक लोकतंत्र के रूप में इजरायल के पास एक मजबूत कानूनी प्रणाली है जो अपनी सरकार की कार्रवाइयों की जांच करने में सक्षम, सक्षम और इच्छुक है. हम अपने सभी दोस्तों से इस अन्याय को सार्वजनिक रूप से अस्वीकार करने का आह्वान करते हैं.
बता दें कि आईसीसी ने नेतन्याहू और गैलेंट पर मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाया है, जिसमें हत्या, उत्पीड़न और अमानवीय कृत्यों की बात कही गई है. आरोप है कि इजरायल ने गाजा में नागरिकों के लिए भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता जैसी आवश्यक आपूर्ति को प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे बच्चों की मौत हुई है और कई लोगों को संकट का सामना कपना पड़ा है.