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इमरान खान को नहीं मिली बेटों से बात करने की अनुमति, जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्यवाही की मांग

याचिका में खान ने दावा किया कि जेल अधिकारियों ने उन्हें यह कहकर अपने बेटों के साथ टेलीफोन पर बातचीत करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया कि उन्हें गोपनीयता अधिनियम के तहत हिरासत में रखा गया था.

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इमरान खान फाइल फोटो
इमरान खान फाइल फोटो

जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को एक विशेष अदालत में याचिका दायर कर अटॉक जेल अधीक्षक के खिलाफ कथित तौर पर उनके बेटों से फोन पर बात करने की अनुमति देने से इनकार करने पर अदालत की अवमानना की कार्यवाही की मांग की. 70 वर्षीय खान सिफर मामले में 13 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं. मालूम हो कि इमरान खान तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 5 अगस्त को गिरफ्तारी के बाद से अटॉक जेल में बंद हैं.

पिछले महीने, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत ने अपने बेटों - कासिम और सुलेमान से बात करने की अनुमति दी थी.

हालांकि, जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने याचिका में अदालत के आदेश का उल्लंघन करने के लिए अटॉक जेल अधीक्षक के खिलाफ अदालती कार्यवाही की अवमानना की मांग की.

याचिका में खान ने दावा किया कि जेल अधिकारियों ने उन्हें यह कहकर अपने बेटों के साथ टेलीफोन पर बातचीत करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया कि उन्हें गोपनीयता अधिनियम के तहत हिरासत में रखा गया था.

न्यायाधीश अबुअल हसनत जुल्करनैन ने अटॉक जेल अधीक्षक आरिफ शहजाद को नोटिस जारी किया और 15 सितंबर को अदालत के आदेश के कार्यान्वयन पर रिपोर्ट मांगी.

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सिफर (गुप्त राजनयिक केबल) में पिछले साल दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सहायक सचिव डोनाल्ड लू और पाकिस्तानी दूत असद मजीद खान सहित अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों के बीच एक बैठक का डिटेल था.

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की खंडपीठ ने बुधवार को तोशखाना भ्रष्टाचार में खान की तीन साल की सजा को निलंबित कर दिया और पंजाब प्रांत की जेल से उनकी रिहाई का आदेश दिया. लेकिन पिछले महीने एक विशेष अदालत द्वारा सिफर मामले में इमरान खान की न्यायिक हिरासत 13 सितंबर तक बढ़ाए जाने के बाद वह जेल में ही रहे.

इससे पहले खान ने अपने वकीलों के माध्यम से न्यायाधीश जुल्करनैन के समक्ष एक याचिका दायर कर लंदन में अपनी मां के साथ रह रहे अपने बेटों कासिम और सुलेमान से टेलीफोन पर बात करने की अनुमति मांगी थी.

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