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'घरेलू मामलों में दखल...', सीरिया में असद की सत्ता गिरने को लेकर क्या कह रहे मुस्लिम देश? UAE में मना जश्न

सीरिया में बशर अल असद की सत्ता गिर गई है. सरकार विरोधी गुटों ने रविवार को घोषणा की कि असद देश छोड़कर भाग गए हैं. इस घटनाक्रम पर सऊदी, मिस्र, कतर, जॉर्डन जैसे मुस्लिम देशों ने प्रतिक्रिया दी है.

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बशर अल-असद की सत्ता गिरने के बाद सीरियाई जश्न मना रहे हैं (Photo- AFP)
बशर अल-असद की सत्ता गिरने के बाद सीरियाई जश्न मना रहे हैं (Photo- AFP)

सीरिया में रविवार 8 दिसंबर का दिन ऐतिहासिक बदलाव लेकर आया जहां इस्लामिक विद्रोहियों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता को उखाड़ फेंका. विद्रोहियों ने अलेप्पो, हमा और होम्स जैसे शहरों के बाद राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर सीरिया की आजादी की घोषणा की और कहा कि असद देश छोड़कर भाग गए हैं. असद के सत्ता से बेदखल होने को लेकर सीरिया समेत कई अरब देशों में खुशी की लहर है. बहुत से अरब मुस्लिम देशों ने असद के शासन के अंत का स्वागत किया है जिसमें सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, मिस्र, बहरीन जैसे देश शामिल हैं.

सऊदी अरब

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि वो अपने 'भाईचारे वाले देश' सीरिया में तेजी से हो रहे घटनाक्रम पर नजर रख रहा है.

बयान में आगे कहा गया, 'सऊदी अरब सीरियाई लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, हिंसा को रोकने और सीरिया की सरकारी संस्थाओं और संसाधनों को संरक्षित करने के लिए उठाए गए सकारात्मक कदमों से संतुष्ट है. सऊदी अरब अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सीरियाई लोगों के साथ खड़े होने और उनका सहयोग करने का आह्वान करता है. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सीरिया के घरेलू मामलों में दखल से बचना चाहिए.'

संयुक्त अरब अमीरात (UAE)

संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार अनवर गरनाश ने असद के तख्तापलट के बाद कहा कि सीरिया अभी भी संकट से बाहर नहीं निकला है और वहां उग्रवाद, आतंकवाद, मुख्य चिंता का विषय बने हुए हैं. 

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अनवर गरनाश ने असद के पतन के लिए राजनीति की विफलता को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उन्होंने यूएई और बाकी अरब देशों की तरफ से दी गई लाइफलाइन का इस्तेमाल नहीं किया.

गरनाश ने कहा, 'अब यह एक बड़ी विफलता है, राजनीति और नीति के स्तर पर, क्योंकि असद ने उस लाइफलाइन का इस्तेमाल नहीं किया जो यूएई समेत अरब देशों ने उन्हें दी थी. उन्होंने लाइफलाइन का इस्तेमाल संवैधानिक चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए नहीं किया.'

गरनाश ने इस बात पर भी जोर दिया कि सीरिया में असद के तख्तापलट के बाद गैर-सरकारी तत्वों को राजनीतिक शून्यता का फायदा उठाने से रोकना चाहिए. उन्होंने कहा, 'रक्षा और सैन्य मामले वैध सरकारों के नियंत्रण में रहने चाहिए, न कि सशस्त्र समूहों के कब्जे में.'

कतर

कतर के विदेश मंत्रालय ने बशर अल-असद की सत्ता जाने को लेकर एक बयान जारी किया है. बयान में कतर ने कहा कि वो सीरिया के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है और देश को अराजकता में फंसने से बचाने के लिए राष्ट्रीय संस्थाओं और देश की एकता बनी रहनी चाहिए.

बयान में आगे कहा गया, 'कतर अंतरराष्ट्रीय वैधता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 के अनुसार सीरियाई संकट को समाप्त करने के अपने रुख को दोहराता है ताकि सीरियाई लोगों के हित पूरे हो सके और उनके देश में एकता, संप्रभुता और स्वतंत्रता सुरक्षित रहे.'

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बहरीन

बहरीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि सीरिया के घटनाक्रम पर वो बारीक नजर बनाए हुए है और वो 'सीरिया की सुरक्षा, स्थिरता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देता है.'

बहरीन ने सीरिया के सभी पक्षों से राष्ट्र के सर्वोच्च हितों और उसके नागरिकों की भलाई को प्राथमिकता देने का आह्वान किया और कहा कि सरकारी संस्थानों का संरक्षण किया जाना चाहिए और इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए.

मिस्र

मिस्र के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उनका देश सीरिया में हो रहे परिवर्तन पर बड़ी दिलचस्पी से नजर रख रहा है और सीरिया की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और वहां के लोगों की एकता के प्रति अपना समर्थन जताता है.

मंत्रालय ने सीरिया के सभी पक्षों से आह्वान किया कि वो देश के संसाधनों और राष्ट्रीय संस्थाओं को संरक्षित करें, राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दें, आम सहमति से देश में शांति स्थापित करने की राजनीतिक प्रक्रिया बहाल करने तथा सीरिया की क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्थिति को बहाल करने का आह्वान किया.'

जॉर्डन

जॉर्डन के शाही कोर्ट की तरफ से भी एक बयान जारी किया गया है जिसमें जॉर्डन में राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने कहा कि उनका देश सीरियाई लोगों के साथ खड़ा है और उनकी इच्छा और पसंद का सम्मान करता है.'

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राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक बैठक के दौरान राजा अब्दुल्ला ने कहा कि उनका देश किसी भी संघर्ष से बचने की जरूरत पर जोर दे रहा है. उन्होंने कहा, 'जॉर्डन संकट की शुरुआत से ही अपने सीरियाई भाइयों और बहनों के साथ खड़ा रहा है. हमने पिछले दशक में सीरियाई शरणार्थियों का स्वागत किया है और उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य सेवाएं दी हैं, ये वही सेवाएं हैं जो जॉर्डन के लोगों को दी जाती हैं.'

यमन

इस बीच, यमन में राष्ट्रपति के लीडरशिप काउंसिल ने बशर अल-असद के पतन के लिए सीरियाई लोगों को बधाई दी है.

यमन ने कहा कि वो सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करते हुए, उसकी स्वतंत्रता तथा सीरियाई लोगों की स्वतंत्रता, परिवर्तन, शांति, सुरक्षा और स्थिरता की इच्छा रखता है.

इराक

इराक में, सरकार के प्रवक्ता बसीम अल-अवादी ने एक बयान में कहा कि इराक सीरिया में हो रहे घटनाक्रम पर नजर रख रहा है तथा स्थिरता, सुरक्षा और सीरियाई लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए भाईचारे वाले के साथ अन्य देशों के साथ संपर्क में है.

इराक ने सीरिया के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप न करने या किसी एक पक्ष को दूसरे के मुकाबले अधिक समर्थन न देने के महत्व पर बल दिया और कहा कि इस तरह के हस्तक्षेप से केवल संघर्ष और विभाजन ही बढ़ेगा.

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आधिकारिक फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी WAFA के अनुसार, फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने भी असद शासन के पतन पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि 'फिलिस्तीन और उसके लोग सीरियाई लोगों के साथ खड़े हैं, उनकी इच्छा और राजनीतिक विकल्पों का सम्मान करते हैं. सभी राजनीतिक दलों को सीरियाई लोगों के हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए'

सीरिया से भागकर रूस में असद ने ली है शरण

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार, असद और उनका परिवार रविवार को सीरिया से भागकर मॉस्को पहुंचा है जहां रूस ने उन्हें शरण देने की पेशकश की है.

इससे पहले शनिवार को विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया था. असद के सत्ता से बेदखल होन के साथ हीा सीरिया में बाथ पार्टी के शासन का अंत हो गया है जो 1963 से सीरिया में सत्ता में थी.

यूएई में लोग मना रहे जश्न

संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे सीरियाई प्रवासी असद की सत्ता गिरने का जश्न मना रहे हैं. खलीज टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीरियाई लोगों ने रातभर जश्न मनाया और हर घटनाक्रम पर नजर बनाए रहे. 

37 साल की सीरियाई प्रवासी फातेन ने कहा, 'हम पूरी रात नहीं सोए. मेरे माता-पिता और मेरा पूरा परिवार खबरों को बारीकी से देख रहा था. सुबह 4 बजे, सैनिक राजधानी पहुंचे और उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता पर कब्जा कर लिया. आखिरकार हम आजाद हुए...ऐसा लग रहा है जैसे यह हमारा नया राष्ट्रीय दिवस हो.'

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32 साल के मोहम्मद ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे कोई बुरा सपना खत्म हो गया हो. उन्होंने कहा, 'देश छोड़े हुए मुझे 13 साल हो गए हैं...अब मुझमें उम्मीद जगी है कि मैं अपने देश जा पाऊंगा. लेकिन मैं जानता हूं कि ये हमारी परेशानियों का अंत नहीं है. जब तक नई सरकार का गठन नहीं हो जाता, सबकुछ अनिश्चित है.'

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