साल 2020 में कोरोना महामारी के हाहाकार मचाने के 20 महीनों बाद आखिरकार अमेरिका ने ट्रैवल बैन को हटा लिया है और विदेशियों के लिए अपनी सीमाओं को खोल दिया है. हालांकि अब भी कई तरह के दिशा-निर्देशों का पालन करने के बाद ही लोग अमेरिका की यात्रा कर सकेंगे. कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद ही लोग अमेरिका जा सकते हैं. हालांकि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन को लेकर छूट दी गई है.
अमेरिका की नई गाइडलाइंस के अनुसार, यात्रियों को टिकट बुक कराने से पहले पूरी तरह से वैक्सीनेटेड होने के लिए सीडीसी (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा. यात्रियों को अपनी नेगेटिव कोविड रिपोर्ट भी पेश करनी होगी और उन्हें विमान के उड़ने से तीन दिनों के भीतर ही नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी. जिन लोगों को वैक्सीनेशन की जरूरतों से छूट मिली हुई है, उन्हें विमान उड़ने के एक दिन के भीतर की टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी. इसके अलावा कस्टम विभाग ट्रैवल करने वाले लोगों को सीबीपी ऐप को डाउनलोड करने की सलाह भी दे रहा है.
एयरलाइंस को निभानी होगी बड़ी जिम्मेदारी
वही एयरलाइंस को अमेरिका जा रहे यात्रियों के वैक्सीनेशन को लेकर सभी पेपर और डिजिटल दस्तावेज जुटाने होंगे और इन दस्तावेजों को प्रमाणित करना होगा. यात्रियों के पास विमान कंपनी के मोबाइल ऐप पर इस प्रक्रिया को देखने की सुविधा मिलेगी. जो विमान कंपनी यात्रियों की जानकारी को प्रमाणित करने में सफल नहीं हो पाती हैं, उन पर एक बार उल्लंघन करने पर 35 हजार डॉलर का जुर्माना लग सकता है.
एयरलाइंस को इसके अलावा यात्रियों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग से जुड़ी जानकारी भी हासिल करनी होगी. सीडीसी कर्मचारी यात्रियों की स्पॉट चेकिंग करेंगे वही कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन वैक्सीन के प्रूफ की चेकिंग करेंगे. ऐसे में सभी यात्रियों को अपनी पहचान और वैक्सीनेशन डॉक्यूमेंट्स तैयार रखने की सलाह दी गई है. यात्रियों को अमेरिका जाने की वजह दिखानी होगी और सीबीपी ऑफिसर के मांगने पर फुल वैक्सीनेशन सर्टीफिकेट दिखाना होगा. अमेरिकी एफडीए (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मंजूर की गई वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को ही अमेरिका जाने की मंजूरी मिलेगी. इसमें भारत की एस्ट्राजेनेका, मोडेर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन, कोवैक्सीन, फाइजर/बॉयोएनटेक, सिनोवैक और सिनोफॉर्म वैक्सीन शामिल है.