कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल द्वारा वीडियो जारी कर खुद को निर्दोष बताने के बाद, अब उसकी सफाई पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. एजेंसियां पूछ रही हैं कि अगर वह निर्दोष है तो 'अंडरग्राउंड' क्यों है और दुबई क्यों भागा?
दरअसल, वाराणसी के शुभम जायसवाल ने प्रतिबंधित कोडीन सिरप तस्करी पर सफाई दी है. वह कफ सिरप को जानलेवा नहीं बताने की कोशिश कर रहा है. उस पर फर्जी कंपनी से कफ सिरप की तस्करी का मुद्दा भटकाने की कोशिश करने का आरोप है.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह ने पुलिस को बताया है कि शुभम ने ही झारखंड और वाराणसी में उनकी फर्म बनाई थी. उन्होंने यह भी कबूला कि शुभम ने 5 लाख रुपये का 30 लाख रुपये चार महीने में दिया था.
वहीं, ड्रग डिपार्टमेंट ने FIR में नामजद फर्मों को फर्जी बताया है, जिस पर शुभम जायसवाल ने सवाल खड़े किए हैं. यूपी STF ने भी फर्जी फर्मों से कफ सिरप सप्लाई का केस अप्रैल 2024 में दर्ज किया था.
तस्करी रूट और राजनीतिक रिश्ते पर चुप्पी
शुभम जायसवाल ने अपनी सफाई में इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि झारखंड, बिहार, असम और पश्चिम बंगाल से होते हुए कफ सिरप बांग्लादेश तक कैसे सप्लाई हो रहा था. वहीं, शुभम जायसवाल ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह व अन्य नेताओं के साथ वायरल फोटो-वीडियो के बाद भी किसी भी रिश्ते से इनकार किया है. जबकि, शुभम खुद सोशल मीडिया पर धनंजय सिंह को 'बड़ा भाई' बताता था.
FIR और एजेंसियों पर सवाल
शुभम जायसवाल ने अपनी सफाई देकर गाजियाबाद, सोनभद्र, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली में दर्ज FIR पर सवाल खड़े किए हैं, जबकि ये मुकदमे फर्जी फर्मों से तस्करी के आरोप में दर्ज किए गए हैं. शुभम ने कार्रवाई कर रहे ड्रग्स डिपार्टमेंट और STF पर भी सवाल खड़े किए हैं.