उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) नवदीप रिनवा ने मतदाता जागरूकता और लिस्ट अपडेशन पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो नागरिक विदेश या दूसरे राज्यों में रहते हैं, उनके वोटर फॉर्म उनके परिवार के सदस्य नहीं भर सकते हैं. CEO ने बताया कि रामपुर की घटना पर रिपोर्ट मांगी गई है और ओवरसीज वोटर्स को फॉर्म 6A भरना होगा.
ओवरसीज वोटर्स के लिए क्या हैं नियम?
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा ने बताया कि शिक्षा या नौकरी के कारण विदेश में रह रहे नागरिकों के लिए 2011 में ओवरसीज इलेक्टर्स की एक अलग श्रेणी बनाई गई थी. ऐसे लोगों को फॉर्म 6A भरना पड़ता है. इस फॉर्म को भरने के लिए उन्हें अपना पासपोर्ट और वीजा का पूरा विवरण देना होता है. उनका वोट वहीं बनता है, जहां पासपोर्ट में पता दिया होता है. ऐसे वोटरों को एपिक (EPIC) नहीं मिलता और वोट डालने के लिए उन्हें ओरिजिनल पासपोर्ट लाना अनिवार्य होता है.
सबसे ज्यादा प्रवासी वोटर लखनऊ और नोएडा में
नवदीप रिनवा ने आगे बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 1533 प्रवासी वोटर हैं, जिनकी सबसे ज्यादा संख्या लखनऊ और नोएडा में है. उन्होंने आशंका जताई कि ऐसे लोगों की संख्या और अधिक हो सकती है. रिनवा ने स्पष्ट किया कि फॉर्म 6A को स्वयं व्यक्ति द्वारा ही भरा जाना चाहिए, परिवार का कोई अन्य सदस्य इसे नहीं भर सकता है. उन्होंने रामपुर में हुई FIR के मामले पर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है.
SIR सर्वे की तारीख बढ़ सकती है
CEO ने SIR (स्पेशल समरी रिवीजन) सर्वे पर अपडेट देते हुए कहा कि 96 फीसदी मतदाताओं के डिजिटलीकरण का काम हो चुका है. करीब 80 फीसदी वोटरों ने फॉर्म भर दिए हैं, लेकिन लगभग 17 फीसदी मतदाता 'अनकलेक्टेबल' श्रेणी में हैं (मृत्यु, स्थायी रूप से शिफ्ट या कहीं और दर्ज). उन्होंने कहा कि इन 'अनकलेक्टेबल' मतदाताओं की जांच के लिए SIR की तारीख बढ़ाई जा सकती है और इसकी लिस्ट राजनीतिक दलों के BLA को भी दी जाएगी.