यूपी के हाथरस में टीवीएस एजेंसी के मालिक अभिषेक गुप्ता की 26 सितंबर को अलीगढ़ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. यह वारदात उस वक्त हुई थी जब वह अपने पिता और चचेरे भाई के साथ गांव लौटने के लिए बस में सवार होने वाले थे.
शुरुआत में परिजनों ने महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडे और उनके पति अशोक पांडे पर हत्या का आरोप लगाया था. अब इस पूरे मामले में प्रेम-प्रसंग और ब्लैकमेलिंग की चौंकाने वाली कहानी सामने आई है.
पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाई
परिजनों का कहना है कि पूजा शकुन पांडे मूल रूप से कचौरा गांव की रहने वाली हैं और रिश्ते में अभिषेक की बुआ लगती थीं. इसके बावजूद उन्होंने अभिषेक को प्रेमजाल में फंसा लिया और कई सालों तक अलीगढ़ में अपने पास रखा.
खुद शादीशुदा और दो बच्चों की मां होने के बावजूद वह अभिषेक पर शादी का दबाव डालती रहीं. आरोप है कि उनके पास अभिषेक की आपत्तिजनक फोटो और वीडियो थे, जिनके आधार पर वह लगातार ब्लैकमेल करती थीं.
परिवार का कहना है कि ब्लैकमेलिंग सिर्फ शादी तक सीमित नहीं थी. पूजा शकुन पांडे अभिषेक से उसकी टीवीएस एजेंसी में फ्री में पार्टनरशिप की भी मांग करती थीं. जब अभिषेक को इस धोखे और दबाव का एहसास हुआ तो उन्होंने उनसे दूरी बना ली और संपर्क खत्म कर दिया.
'180 रुपये में खत्म हो जाएगी जिंदगी'
यही बात पूजा को नागवार गुजरी. आरोप है कि वह धमकी देती थीं 'अगर तू मेरा नहीं हुआ तो मैं तुझे किसी और का भी नहीं होने दूंगी, मात्र 180 रुपये में जिंदगी खत्म हो जाती है.'
इसी रंजिश के चलते पूजा शकुन पांडे और उनके पति अशोक पांडे ने तीन लाख रुपये में सुपारी देकर अभिषेक की हत्या करवा दी. परिजनों का कहना है कि हत्या पूर्वनियोजित थी और इसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं.
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में मौजूद 'श्रीराम भवन' नामक मकान, जो पूजा शकुन पांडे के नाम पर है, वहां अनैतिक गतिविधियां चलती थीं. अब ग्रामीणों की मांग है कि दोषियों को फांसी दी जाए और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की गई है.