24 अप्रैल की रात 8 बजे... नोएडा फिल्म सिटी में काम करने वाले एक मीडिया कर्मी रवि कुमार सिंह (बदला हुआ नाम ) रोज की तरह अपने घर गौर सिटी लौटते हैं. घर पर वो पत्नी स्मिता (बदला हुआ नाम) और एक साल के बच्चे के साथ रहते हैं. परिवार के साथ वो डिनर टेबल पर बैठे ही होते हैं कि तभी उनकी सोसाइटी के इंटरकॉम पर एक फोन कॉल आता है.
फोन स्मिता उठाती है, हैलो बोलते ही सामने से एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति की आवाज आती है. वो पूछता है आपके घर में बच्चा है? स्मिता जवाब देती है हां...है क्या हुआ बताओ? वो कहता है कि उसे घर के बाहर लेकर मत निकलना वरना उसकी मौत हो जाएगी उसे मार डालेंगे. इतना कहते ही फोन कट हो जाता है.
इंटरकॉम पर मिली बच्चे को मारने की धमकी
यह सुनते ही डरी सहमी स्मिता दौड़कर रवि कुमार सिंह के पास जाती हैं और उन्हें फोन कॉल के बारे में बताती है. रवि कुमार सिंह भी इस बात को लेकर हैरान - परेशान हो जाते है. रवि कुमार सिंह इंटरकॉम चेक कर फोन नंबर पता लगाने की कोशिश करता है.
इसके बाद रवि कुमार सिंह नोएडा पुलिस पीसीआर 112 को कॉल करता है. पुलिस गौर सिटी पहुंचकर तफ्तीश करना शुरू करती है. कॉल डेटा चेक करती है तो उन्हें गौर सिटी के ही एक फ्लैट से कॉल किए जाने की बात पता चलती है. पुलिस जब वहां रह रहे परिवार से पूछताछ करती है तो सब हैरान हो जाते हैं कि आखिर घर से किसने कॉल किया क्योंकि उस वक्त घर के सभी लोग पड़ोस के फ़्लैट में बर्थडे पार्टी सेलिब्रेट कर रहे थे.
10 से 12 साल के बच्चों ने आवाज बदल दी थी धमकी
काफी देर तक जांच पड़ताल के बाद उसी परिवार के 10 और 12 साल के दो बच्चे सच उगलते हैं. वो बताते हैं कि उन्होंने घर के एक कमरे में खुद को लॉक कर इस फोन कॉल को अंजाम दिया था. उनसे जब पुलिस ने आगे पूछताछ की तो पता लगा कि फोन पर बच्चे को मारने की धमकी देना उन्होंने एक वेब सीरीज में सीखा था.
पुलिस ने मासूम बच्चों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया
घटना के दिन घर के बाकी सदस्य पड़ोस के घर में पार्टी करने गए थे तभी बच्चों ने इंटरकॉम से कॉल किया और आवाज बदल कर बात की थी. घटना बिसरख थाना क्षेत्र का है. हालांकि, इस बारे में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. इस बारे में चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट नम्रता ओहरी ने बताया कि बच्चे जैसा अपने आस-पास माहौल देखते हैं वो वैसा ही दोहराते हैं. जैसे किसी कुएं में कोई भी आवाज गूंज कर वापस सुनाई देती है वैसे ही बच्चों के स्वभाव के साथ भी होता है.
इसलिए बच्चों से ज्यादा पेरेंट्स को सतर्क रहने की जरुरत है कि वो किस तरह की वेब सीरीज या कॉन्टेंट देख रहे हैं और घर पर बच्चों के लिए कैसा माहौल है. इसके अलावा बच्चों की संगत पर भी पेरेंट्स को ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि संगत का भी सबसे ज्यादा असर बच्चों के दिमाग पर होता है. अपने दोस्तों से ही अधिकतर बातें बच्चे सीखते हैं.