माफिया अतीक अहमद के लोगों ने उमेश पाल को क्यों मारा? यह सवाल जेहन में घूमते रहे हैं. कभी इसे राजू पाल मर्डर की गवाही से तो कभी जमीन से जोड़ा जाता रहा है. अब नया खुलासा हुआ है. अतीक के वकील खान सौलत हनीफ ने पुलिस को उमेश पाल की हत्या की असली वजह बता दी है. उमेश पाल ने अतीक को गाली दी थी और शाइस्ता पर कमेंट किया था.
उमेश पाल मर्डर के आखिरी विवाद में गुड्डू मुस्लिम ही था. वकील खान सौलत हनीफ ने बताया कि धूमनगंज के एक जमीन विवाद में गुड्डू मुस्लिम ने अतीक अहमद की उमेश पाल से बात करवाई थी. उमेश पाल की गुड्डू मुस्लिम ने अतीक अहमद से आखिरी बार बातचीत करवाई थी. बातचीत के दौरान अतीक अहमद ने उमेश पाल को गाली दी थी.
उमेश पाल ने अतीक को दी थी गाली
अतीक अहमद की गाली सुनते ही उमेश पाल ने भी पलट कर अतीक अहमद को जमकर गालियां दी थी. उमेश पाल ने एक शादी समारोह में शाइस्ता को लेकर भी कमेंट किया था, जिसकी जानकारी अतीक अहमद को लग गई थी. गुड्डू मुस्लिम ने साबरमती जेल में जाकर अतीक अहमद को पूरी बात बताई थी, जिसके बाद बरेली जेल में बंद अशरफ ने प्लान रचा.
इसी जमीन की विवाद को लेकर दर्ज हुआ था केस
उमेश पाल ने धूमनगंज थाने में इसी जमीन विवाद को लेकर अतीक अहमद और उसके गुर्गों पर केस दर्ज करवाया था. इसी जमीन विवाद और गाली-गलौज के कारण अतीक अहमद ने उमेश पाल की हत्या का फरमान जारी किया. इस फरमान पर अम्ल करते हुए बरेली जेल में बंद अशरफ ने उमेश पाल की हत्या की प्लानिंग रची.
बरेली जेल में बनी उमेश पाल की हत्या की प्लानिंग
बरेली जेल में उमेश पाल हत्याकांड के सभी शूटरों ने अशरफ से मुलाकात की थी. इस दौरान अतीक अहमद का बेटा असद भी मौजूद था. 13 फरवरी को हुई मुलाकात के बाद 21 फरवरी को माफिया अतीक अहमद के शूटर, राजू पाल हत्याकांड केस में मुख्य गवाह उमेश पाल का मारने की कोशिश में थे, लेकिन ऐन वक्त पर पुलिस की जीप आ गई.
21 फरवरी को उमेश पाल को मारने की कोशिश
यानी 24 फरवरी से पहले 21 फरवरी को भी शूटरों ने उमेश पाल हत्याकांड को मारने की कोशिश की थी. जैसे ही उमेश पाल की गाड़ी अपने घर की गली में पहुंचती है. पीछे से वही क्रेटा कार आती है और बगल से लाल रंग की बाइक पर अरमान और गुड्डू मुस्लिम आते हैं, लेकिन उसी वक्त पुलिस जीप के आ जाने से वारदात को अंजाम नहीं दे सके थे.
तीन दिन बाद उमेश पाल की सरेआम हत्या
21 फरवरी के तीन दिन बाद यानी 24 फरवरी को ठीक इसी प्लानिंग के तहत शूटर पहुंचे और राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के साथ उनके दो सरकारी गनर्स की सरेआम हत्या कर दी गई थी. 24 फरवरी को 4 बजकर 56 मिनट 28 सेकेंड पर बदमाशों ने उमेश पाल और उनके दोनों सरकारी गनर पर पहली गोली दागी.
4 बजकर 57 मिनट 15 सेकेंड पर बदमाश वारदात को अंजाम दे चुके थे. यानी इस वारदात को 47 सेकेंड में अंजाम दिया गया था. पहली गोली लगते ही उमेश जमीन पर गिर गए. तभी दूसरा बदमाश भी आ धमका. इसके बाद उसने भी गोलियां चलानी शुरू कर दी, इस दौरान एक गनर को भी गोली लग गई. गोली लगते ही वह भी जमीन पर गिर गए.
अतीक के बेटे असद ने वारदात को दिया था अंजाम
बदमाशों ने उमेश पाल पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, इसके अलावा देसी बमों से भी हमला किया. इस हमले में उमेश पाल और दोनों सरकारी गनर की मौत हो गई थी. हत्याकांड को अतीक अहमद के तीसरे नंबर के बेटे असद, शूटर मोहम्मद गुलाम, बमबाज गुड्डू मुस्लिम, साबिर, अरमान और विजय चौधरी ने अंजाम दिया था.
तीन शूटर और एक मददगार ढेर
पुलिस ने 27 फरवरी को ही उमेश पाल हत्याकांड में शामिल क्रेटा कार के ड्राइवर अरबाज को ढेर कर दिया था. इसके बाद शूटर विजय चौधरी को यूपी पुलिस ने 6 मार्च को प्रयागराज के कौंधियारा में एनकाउंटर में मार गिराया था. 13 अप्रैल को अतीक के बेटे असद और गुलाम को झांसी में एनकाउंटर में मार गिराया गया था. यानी तीन शूटर और एक मददगार मार गिराए गए हैं, जबकि तीन शूटर अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.