बिहार में महावीर मंदिर ट्रस्ट की योजना राज्य के वैशाली जिले में दुनिया का पहला रामायण विश्वविद्यालय स्थापित करने की है.
पटना स्थित महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया, 'हमने एक रामायण विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय किया है, जो रामायण पर आधुनिक शोध संस्थान के रूप में कार्य करेगा.'
इस बेजोड़ परियोजना की कल्पना करने वाले कुणाल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय मूलभूत सुविधाओं से युक्त उच्च शिक्षा व रिसर्च की सुविधा देने वाले किसी भी अन्य आधुनिक विश्वविद्यालय जैसा ही होगा. यह वाई-फाई व ऑनलाइन सुविधा से युक्त होगा.
उन्होंने आगे बताया कि ट्रस्ट ने विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए राजधानी पटना से 50 किलोमीटर दूर वैशाली जिले के बिद्दूपुर में 25 एकड़ जमीन ली गई है.
कुणाल ने कहा कि अभी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है, लेकिन वे इसे जल्द से जल्द स्थापित करने का प्रयास करेंगे.
कुणाल ने बताया कि विश्वविद्यालय में जानकार हिंदू पुरोहितों को पढ़ाया और प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे पर्व-त्योहारों और पारिवारिक आयोजनों पर अनुष्ठान कर सकें.
विश्वविद्यालय में खगोल भौतिकी, खगोल विद्या, हिंदू पुराणों, वेदों और उपनिषदों के अध्ययन के लिए 5 साल का विशेष पाठ्यक्रम चलाया जाएगा.
कुणाल ने बताया कि वे संस्कृत, हिंदी, स्थानीय भाषाओं और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की भाषाओं में प्रचलित रामायण का संग्रह, संरक्षण व प्रचार-प्रसार करेंगे. उन्होंने बताया कि वाल्मीकि रचित रामायण पाठ्यक्रम का मूल आधार होगा, लेकिन रामायण के आधार पर रचित अन्य साहित्यिक कृतियों जैसे अध्यात्म, आनंद और कालिदास कृत 'रघुवंश' को भी पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे.
इस बीच ट्रस्ट ने राज्य के पश्चिमी चंपारण जिले में विश्व के सबसे विशाल हिंदू मंदिर 'विराट रामायण मंदिर' का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. करीब 500 करोड़ रुपयों की लागत से बनाया जा रहा यह मंदिर 405 फीट ऊंचा होगा. मंदिर के बीच में स्थित हॉल में 20 हजार श्रद्धालुओं के बैठने की जगह होगी.