इस शख्स ने बताया है कि उससे एक पार्टी के दौरान जिदंगी की सबसे बड़ी गलती हो गई थी. जिसके कारण उससे एक ही बार में सबकुछ छिन गया. उसने पत्नी, घर और नौकरी तीनों ही चीजें खो दीं. इस शख्स का नाम ली डाउलिंग है. उसका कहना है कि उसे रात के वक्त हो रही एक पार्टी के दौरान किसी ने कोकीन (ड्रग्स) दी थी. इसे लेने के फैसले से ही उसने अपना सबकुछ गंवा दिया. 44 साल के ली ने बताया कि उसे ड्रग्स की लत लग गई थी. वो अपनी इस आदत को पूरा करने के लिए घर का सामना बेचने लगा. हालात इतने बिगड़ गए कि उसकी पत्नी ने उसे घर से बाहर निकाल दिया.
इसके बाद जब ली अपनी मां के घर गया, तो उन्होंने भी उसे घर से बाहर निकाल दिया. क्योंकि उसने ड्रग्स खरीदने के लिए अपनी मां के घर का सामान बेचना भी शुरू कर दिया था. ब्रिटेन में रहने वाले ली का कहना है कि उसे 2019 से 2021 तक बेघर लोगों के लिए बने शेल्टर में रहना पड़ा.
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, अपनी इस लत के बारे में बात करते हुए ली ने कहा, 'जब मुझे ड्रग्स के बारे में बताया गया, तब मैं शादीशुदा था, मेरे पास घर और करियर, इस तरह की सभी चीजें थीं. मैं घर में बिल भरने के लिए जो पैसे रखे थे, उन्हें चुरा रहा था और घर की चीजें बेच रहा था. मेरे साथ रहना असंभव हो गया इसलिए मेरी पत्नी ने मुझे घर से बाहर निकाल दिया और तलाक दे दिया.'
ली ने आगे कहा, 'मैं अपनी मां के घर गया. मैं लगभग एक साल तक उनके साथ रहा, जब तक वही घटना दोबारा नहीं घटी. मैं उन्हें लूट रहा था, उनके घर से सामान बेच रहा था और उन्होंने भी मुझे बाहर निकाल दिया. मैकरी सेंटर आने से पहले मैं लगभग एक हफ्ते तक नॉर्थवुड में एक दोस्त के साथ रहा.'
इसके बाद ली एक ऐसे संगठन से जुड़े, जो नशा करने वाले लोगों को रहने की जगह मुहैया कराता है, साथ ही इस लत को छुड़ाने में मदद करता है. उन्होंने बाल काटने का काम भी सीख लिया. अब वो सेंटर में रहकर ही लोगों के बाल काटते हैं. यहीं से वो पैसा कमा रहे हैं. उन्होंने दो साल से ड्रग्स नहीं लिया है. वो कहते हैं, 'सब कुछ उस वक्त बदला, जब मुझे मदद मिली और लत लगने की इस बीमारी के बारे में पता चला.'
उन्होंने आगे कहा, 'इसी के बाद मैंने देखा कि असल परेशानी आखिर क्या है. ये ड्रग्स नहीं थी, बल्कि असल परेशानी तो मैं खुद था. यहां इसके लिए मदद उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन आपको भी वहां पहुंचना होता है और उस मदद को स्वीकार करना होता है. मेरे लिए ये पहला कदम था. मुझे पता था कि मैं वहां पहुंच सकता हूं और लोगों से मदद के लिए बोल सकता हूं. मैं ये जानता था कि ऐसे लोग हैं, जो मेरी मदद करना चाहते हैं.'