पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर मोहम्मद खलील चिश्ती को मानवीय आधार पर पाकिस्तान भेजने का आग्रह किया है. सर्वोच्च न्यायालय ने 80 वर्षीय चिश्ती को सोमवार को जमानत दे दी थी.
चिश्ती हत्या के एक मामले में अजमेर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. जियो न्यूज के अनुसार, जरदारी ने चिश्ती को पाकिस्तान भेजने की मनमोहन सिंह से अपील की है. चिश्ती के मुद्दे पर नई दिल्ली में मनमोहन सिंह के साथ जरदारी की मुलाकात के दौरान भी चर्चा हुई थी.
जरदारी ने आंतरिक मंत्री रहमान मलिक को भी निर्देश दिया है कि चिश्ती को पाकिस्तान वापस लाने के सभी बंदोबस्त किए जाएं. आंतरिक मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चिश्ती की पाकिस्तान वापसी का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी.
कराची मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध चिश्ती अजमेर में अप्रैल 1992 में एक झगड़े के दौरान एक व्यक्ति की हत्या करने के आरोपी हैं. जिस समय यह घटना घटी थी, उस समय वह सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत करने अजमेर गए थे.