खुशी यह एक ऐसी भावना है जिसे मापना मुश्किल है, लेकिन जब बात शहर में रहने की आती है, तो वहां का माहौल, खान-पान और नाइटलाइफ आपकी जिंदगी पर सीधा असर डालते हैं. हाल ही में एक बड़े सर्वे ने यह खुलासा किया है कि एशिया में सबसे ज्यादा खुशहाल लोग कहां बसते हैं. इस सर्वे में संस्कृति, सुरक्षा और जीवन क्वालिटी जैसे कई पहलू शामिल थे. सबसे बड़ी खबर यह है कि टॉप 5 शहरों की लिस्ट में भारत के एक शहर ने बाकी सबको पछाड़कर नंबर वन की कुर्सी हासिल की है. आइए, जानते हैं एशिया के वो 5 खुशनुमा ठिकाने कौन से हैं और क्यों हैं ये सबसे खास.
टाइम आउट द्वारा किए गए एक बड़े सर्वे के मुताबिक सपनों की नगरी मुंबई सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि पूरे एशिया की सबसे खुशहाल नगरी है. दरअसल मुंबई के 94 प्रतिशत स्थानीय लोगों ने माना कि उनका शहर उन्हें खुशी देता है. वहीं 89% लोगों का मानना है कि वे मुंबई में कहीं और की तुलना में ज्यादा खुश महसूस करते हैं. जबकि 88% लोगों को लगता है कि उनके साथी मुंबई रह कर भी बहुत सकारात्मक और खुश रहते हैं.
मुंबई की इस कामयाबी के पीछे कई कारण हैं. यह मनोरंजन के अनगिनत विकल्पों, एक जीवंत सामाजिक परिवेश और करियर के शानदार अवसरों का केंद्र है. साथ ही, मुंबई एशिया के सर्वश्रेष्ठ स्ट्रीट फूड शहरों में से एक है, जो यहां की खुशी को और बढ़ा देता है.
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खुशहाल शहरों की लिस्ट में दूसरा और तीसरा स्थान चीन के दो बड़े केंद्रों बीजिंग और शंघाई को मिला है. ये दोनों ही शहर आधुनिकता, सुरक्षा और संस्कृति का बेहतरीन संगम पेश करते हैं. बीजिंग (दूसरे स्थान) के 93 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनका शहर उन्हें खुश रखता है. इसकी बड़ी वजह है यहां की सुविधाएं, सुरक्षित माहौल और समृद्ध सांस्कृतिक जीवन. वहीं, शंघाई के 92 प्रतिशत स्थानीय निवासियों ने भी अपने शहर को खुशी देने वाला बताया है. यही कारण है कि ये दोनों शहर 'जेन-जी' (Gen-Z) पीढ़ी के लिए एशिया के सबसे बेहतर शहरों में गिने जाते हैं. इससे साफ पता चलता है कि यहां के युवाओं के लिए भविष्य न सिर्फ सुरक्षित बल्कि अवसरों से भरा हुआ है.
एशिया के सबसे खुशहाल शहरों की सूची में, दक्षिण-पूर्व एशिया के दो सुंदर शहर चियांग माई (थाईलैंड) और हनोई (वियतनाम) क्रमशः चौथे और पांचवें स्थान पर हैं. दोनों शहरों में 88% स्थानीय लोगों ने खुशी महसूस की. चियांग माई अपनी हरियाली और शांत माहौल के लिए जाना जाता है, जबकि हनोई ने 'लोगों के सकारात्मक होने' और 'रोजमर्रा के अनुभवों में खुशी' के मामले में बाजी मारी है. जो लोग भाग-दौड़ से दूर, धीमी गति और मजबूत सामुदायिक भावना वाला जीवन चाहते हैं, उनके लिए ये दोनों शहर शानदार विकल्प हैं.
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दिलचस्प बात यह है कि सियोल, सिंगापुर और जापान की राजधानी टोक्यो जैसे बड़े और वैश्विक स्तर पर मशहूर शहर इस 'खुशी' की दौड़ में काफी पीछे रह गए. टोक्यो तो शीर्ष 10 में भी जगह नहीं बना पाया, जहां केवल 70 प्रतिशत लोग ही मानते हैं कि उनका शहर उन्हें खुशी देता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इन शहरों की तेज-तर्रार जिंदगी, काम और निजी जिंदगी के बीच संतुलन का अभाव और जीवन की अत्यधिक लागत इसके पीछे के मुख्य कारण हो सकते हैं. इन जगहों पर रहने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे व्यस्तता के बीच शांत प्राकृतिक पार्कों और आरामदायक जगहों में समय बिताएं.
1. मुंबई, भारत
2. बीजिंग चाइना
3. शंघाई , चीन
4. चियांग माई , थाईलैंड
5. हनोई , वियतनाम
6. जकार्ता , इंडोनेशिया
7. हांगकांग
8. बैंकॉक , थाईलैंड
9. सिंगापुर
10. सियोल , दक्षिण कोरिया