माइक्रोसॉफ्ट ने सेफर इंटरनेट डे के मौके पर अपनी ग्लोबल ऑनलाइन सेफ्टी सर्वे 2025 रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में दुनिया और भारत में AI के इस्तेमाल को लेकर कई ठोस जानकारी दी गई हैं. रिपोर्ट की मानें, तो भारत में जनरेटिव AI का इस्तेमाल बढ़ा है. इस रिपोर्ट के लिए 19 जुलाई से 9 अगस्त 2024 के बीच वेब सर्वे किया गया था.
इस सर्वे में 15 देशों के 14,800 बच्चों के हिस्सा लिया था. इसमें हिस्सा लेने वाले बच्चों की उम्र 6 साल से 17 साल के बीच थी. रिपोर्ट की मानें, तो भारत में AI का इस्तेमाल ग्लोबल एवरेज के दोगुने से भी ज्यादा बढ़ा है.
भारत में AI का सबसे ज्यादा इस्तेमाल ट्रांसलेशन, सवालों के जवाब खोजने, काम की एकुरेसी को बढ़ाने और बच्चों के स्कूल वर्क में मदद करने में किया जा रहा है. साथ ही ग्लोबल ट्रेंड की तरह ही भारत में भी AI के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंताएं हैं. इसमें मुख्य रूप से ऑनलाइन धोखाधड़ी, डीपफेक और AI स्कैम को लेकर चिंता है.
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ग्लोबल ऑनलाइन सेफ्टी सर्वे 2025 की मानें, तो सर्वे में हिस्सा लेने वाले 65 फीसदी लोगों ने AI का इस्तेमाल किया है. ये साल 2023 के मुकाबले 26 फीसदी ज्यादा है. मिलेनियल्स सबसे ज्यादा AI का इस्तेमाल कर रहे हैं. लगभग 84 फीसदी मिलेनियल्स ने AI का इस्तेमाल किया है.
इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले 62 परसेंट लोगों ने माना है कि वो AI के साथ सहज महसूस करते हैं. इसके इस्तेमाल की बात करें, तो 69 फीसदी लोग AI का इस्तेमाल ट्रांसलेशन टूल के तौर पर करते हैं. वहीं 67 फीसदी लोग इसका इस्तेमाल सवालों के जवाब खोजने के लिए, 66 फीसदी काम में एकुरेसी बढ़ाने के लिए और 64 परसेंट लोग AI का यूज बच्चों को स्कूल के काम में मदद के लिए करते हैं.
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वहीं 76 परसेंट लोगों को डर है कि AI की वजह से ऑनलाइन शोषण बढ़ेगा. 74 परसेंट लोगों को डीपफेक, 73 परसेंट को धोखाधड़ी की और 70 परसेंट लोगों को AI हैलोसिनेशन का डर है. वहीं 80 फीसदी से ज्यादा लोगों ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों के AI यूज करने पर चिंता जताई है.