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OpenAI को सता AI के 'खतरनाक' होने का डर, ChatGPT 4 पढ़ सकता है लोगों के चेहरे

OpneAI ने ChatGPT 4 लॉन्च कर दिया है. हालांकि, इसके कुछ फीचर्स चुनिंदा लोगों के पास हैं. ऐसा ही एक फीचर है फोटोज रिकॉग्नाइज करने का है. इस फीचर की मदद से AI किसी फोटो को देखकर उसके बारे में बहुत कुछ बता सकता है, लेकिन कंपनी को लगता है कि ये फीचर AI को ज्यादा पावरफुल बना देगा. कंपनी इस फीचर को सही ढंग से लागू करने पर काम कर रही है.

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ChatGPT 4 को लेकर चिंता में है OpenAI
ChatGPT 4 को लेकर चिंता में है OpenAI

OpenAI इस साल की शुरुआत से चर्चा में है. चर्चा की वजह ChatGPT है, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया. मगर इसकी पॉपुलैरिटी के साथ ही कुछ लोगों ने इसे लेकर चिंता भी जाहिर करना शुरू कर दिया. ChatGPT का इस्तेमाल कई टास्क को पूरा करने में किया जा सकता है. इसकी मदद में कोई कोड, तो कोई कहानी लिख रहा है. 

कंपनी ने इसका लेटेस्ट वर्जन GPT 4 कुछ वक्त पहले लॉन्च किया था. इसमें कमाल का एक फीचर मिलता है, जिसकी मदद से फोटोज का एनालिसिस किया जा सकता है. यानी यूजर्स ना सिर्फ टेक्स्ट के जरिए बॉट से इंटरैक्ट कर सकते हैं, बल्कि उन्हें फोटोज का भी ऑप्शन मिलता है.  

फोटोज के बारे में बताएगा ChatGPT

यूजर्स किसी फोटो को शेयर करके उसके बारे में ChatGPT से पूछ सकते हैं. ये फीचर कई तरह से लोगों की मदद कर सकता है. मान लीजिए किसी शख्स की कार में कोई प्रॉब्लम होती है, तो वो ना सिर्फ उस स्थिति को एक्सप्लेन कर पाएगा बल्कि फोटो के जरिए कार की स्थिति को भी समझा पाएगा.

ऐसे में ये टेक्नोलॉजी ज्यादा बेहतर ढंग से मदद कर पाएगी. इस फीचर का एक्सेस फिलहाल कुछ लोगों को दिया गया है. एक एम्पलॉयमेंट एजेंसी के CEO Jonathan Mosen इस फीचर को यूज कर रहे हैं.

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Jonathan Mosen देख नहीं सकते हैं. ऐसे में वो ChatGPT के नए फीचर का इस्तेमाल कई चीजों के बारे में जानने के लिए करते हैं. Mosen ने बताया कि जब उन्होंने ChatGPT से एक फोटो के बारे में एक्सप्लेन करने के लिए बोला, तो उसने कई डिटेल्स उन्हें दी. 

कंपनी को क्या है डर?

हालांकि, OpenAI इस फीचर को लेकर बहुत सावधान है. कंपनी नहीं चाहती कि ChatGPT एक फेस रिकॉग्नाइज करने वाला टूल बने. कंपनी यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर परेशान है. इसकी वजह से ऐप ने Mosen को लोगों के चेहरे से जुड़ी जानकारी देना बंद कर दिया. 

OpenAI की पॉलिसी रिसर्चर, संधिनी अग्रवाल का कहना है कि कंपनी इस फीचर को लेकर यूजर्स के एक ट्रांसपैरेंट बातचीत चाहती है. कंपनी यूजर्स के फीडबैड ले रही है, जिससे एक गाइडलाइन और सेफ्टी मेजर तैयार किए जा सके. कंपनी की नॉन-प्रॉफिट आर्म लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रही है, जिससे AI सिस्टम के लिए नियमों को तय किया जा सके. 

कंपनी इस फीचर को लेकर पहले से सावधान है. इस फीचर का एक्सेस Microsoft को भी है, जो इसें Bing चैटबॉट के लिमिटेड रोलआउट पर टेस्ट कर रहा है. दोनों ही कंपनियां यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर सतर्क हैं. 

 

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