अंजू बॉबी जॉर्ज ने जब पहली बार शैली सिंह को देखा तो वह छोटी, दुबली पतली लड़की थी, जो अपने साथ की शीर्ष तीन एथलीटों में भी शामिल नहीं थी. लेकिन लंबी कूद की इस मशहूर एथलीट ने उसे कोचिंग देना का फैसला किया, क्योंकि उन्हें उसमें अपने जैसी खिलाड़ी नजर आई जो कभी हार नहीं मानती.
उस समय शैली 13 साल की थी और राष्ट्रीय प्रतियोगिता में लंबी कूद में पांचवें स्थान पर रही थी. अब वह 17 साल की है. शैली ने अंडर-20 विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतकर बड़े मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है. वह रविवार को नैरोबी में महिलाओं की लंबी कूद में मात्र एक सेंटीमीटर के अंतर से स्वर्ण पदक से चूक गई थी.
झांसी में जन्मी शैली को उनकी मां ने पाल पोसकर बड़ा किया. वह ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा और 400 मीटर की धाविका हिमा दास की श्रेणी में शामिल होने से चूक गई, जिन्होंने इस प्रतियोगिता में क्रमश: 2016 और 2018 में स्वर्ण पदक जीते थे. शैली को हालांकि भारतीय एथलेटिक्स का अगला बड़ा सितारा माना जा रहा है.
अंजू ने पीटीआई से कहा, ‘निश्चित तौर पर उसका शरीर और मांसपेशियां लंबी कूद के अनुकूल हैं और जब मैंने उसका दृढ़ संकल्प देखा तो मुझे लग गया था कि वह लंबी राह तय करेगी.’
Watch #ShailiSingh 's magical jump that landed her the #U20WorldChampionships silver again. 📷 World Athletics. music: Thunderstruck- AC/DC pic.twitter.com/005hCHNE5V
— Athletics Federation of India (@afiindia) August 23, 2021
विश्व चैम्पियनशिप 2003 में कांस्य पदक जीतने वाली अंजू ने कहा, ‘बाद में मैंने पाया कि वह बहुत जल्दी सीखती है. हमेशा सुधार का प्रयास करती है और कभी हार नहीं मानती. संक्षेप में कहूं तो वह काफी हद तक मेरे जैसी है.’
अंजू ने जिस प्रतियोगिता का जिक्र किया वह नवंबर 2017 में विजयवाड़ा में खेली गई राष्ट्रीय जूनियर चैम्पियनशिप है. शैली ने तब लंबी कूद में लड़कियों के 12 से 14 आयु वर्ग में हिस्सा लिया था और 4.64 मीटर के साथ पांचवें स्थान पर रही थीं.
लेकिन उनका कभी हार नहीं मानने के जज्बे ने भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के कोच और अंजू के पति राबर्ट बॉबी जॉर्ज का ध्यान अपनी तरफ खींचा. इसके कुछ दिन बाद अंजू ने विशाखापत्तनम में राष्ट्रीय अंतर राज्यीय जूनियर एथलेटिक्स मीट में शैली को देखा और उसे कोचिंग देने का फैसला किया.
अंजू ने कहा, ‘रॉबर्ट ने मुझे उसके बारे में बताया था. इसके बाद मैं विशाखापत्तनम गई और मैंने उसे देखा. मुझे लगा कि वह लंबी राह तय करेगी.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने उसे नवंबर 2017 में देखा तथा उसे अप्रैल 2018 में मेरे और रॉबर्ट की निगरानी में लाने का फैसला किया. वह बेंगलुरू में SAI केंद्र से जुड़ गई. रॉबर्ट की कोचिंग से उसे काफी मदद मिली.’
इस युवा खिलाड़ी को बाद में लक्ष्य ओलंपिक पोडियम कार्यक्रम के विकास समूह में शामिल किया गया. ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट संस्था से भी उसे सहयोग मिला.
शैली का पहले सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन 6.48 मीटर था जो उन्होंने जून में राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैम्पियनशिप में हासिल किया था. अब अंडर-20 विश्व चैम्पियनशिप में उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.
अंजू ने कहा, ‘इससे उसकी क्षमता का पता चलता है. रॉबर्ट ने उसके लिए 6.60 मीटर का लक्ष्य तय किया था और वह इससे केवल एक सेंटीमीटर पीछे रही. वह भी उसने अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हासिल किया.
रॉबर्ट ने रविवार को कहा था कि शैली तीन साल के अंदर अंजू के राष्ट्रीय रिकॉर्ड 6.83 मीटर को तोड़ सकती है. इस पर अंजू ने कहा, ‘उसमें बहुत क्षमता है. मुझे पूरा विश्वास है कि वह तीन साल के अंदर इसे तोड़ देगी. यदि वह मेरा रिकॉर्ड तोड़ती है तो मुझे बहुत खुशी होगी.’