राजस्थान के नागौर जिले के डीडवाना-कुचामन इलाके में 29 नवंबर 2025 की रात एक ऐसी घटना हुई, जिसने प्रेम, धोखे और हत्या की कहानी को एक खतरनाक रूप दिया. बोरवाड़ रोड पर पुलिस को एक युवक का शव मिला. शुरुआत में परिजनों को लगा सड़क हादसा हो गया, लेकिन सच्चाई बेहद डरावनी थी. यह हत्या सुरेंद्र उर्फ सुरेश दादरवाल (24) की थी, जिसे उसकी पत्नी रेखा और उसके प्रेमी ने मिलकर मौत के घाट उतार दिया.
सुरेंद्र को राजूराम से हो गया प्यार
सुरेंद्र एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक था और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था. उसके पिता उमाराम साधारण किसान हैं और छोटा भाई पढ़ाई कर रहा है. 2018 में सुरेंद्र की शादी रेखा (21) से हुई. 2020 में रेखा पढ़ाई के लिए कुचामन आई और वहीं उसकी मुलाकात राजूराम से हुई. यही से प्रेमकहानी की शुरुआत हुई. रेखा ने 2023 में बीएससी पूरा किया, पर उसका ध्यान सुरेंद्र से हटकर राजूराम पर टिक गया.
पति को रास्ते से हटानेन का प्लान बताया
कुछ समय बाद रेखा नागपुर में पिता के पास रहने लगी, जो आर्मी से रिटायर्ड हैं और वहां कारोबार करते हैं. पिछले तीन महीनों से वह वाई-फाई कॉल पर ही राजूराम से बात कर रही थी. सुरेंद्र अब उसके जीवन में ‘बाधा’ बन गया था. इसलिए रेखा ने नागपुर से बैठकर पति को रास्ते से हटाने का ब्लूप्रिंट तैयार किया.
हत्या की साजिश और वारदात का तरीका
रेखा ने राजूराम और उसके साथी जीवणराम (23) को हत्या की योजना में शामिल किया. प्लान साफ था. सुरेंद्र को बीच रास्ते रोककर चाकू से मार देना, और पुलिस को गुमराह करने के लिए मोबाइल नहीं ले जाना तथा बाइक पर चोरी की नंबर प्लेट लगाना. रेखा ने सुरेंद्र के बोरवाड़ जाने की पूरी सूचना राजूराम को दी.
रेकी कर उतारा मौत के घाट
29 नवंबर की रात दोनों आरोपियों ने सुरेंद्र की रेकी की और जैसे ही मौका मिला उनसे रास्ता भटकने का नाटक किया. सुरेंद्र ने हेलमेट उतारा ही था कि आरोपियों ने ताबड़तोड़ चाकू से हमला कर दिया. गले और पीठ पर इतने वार किए कि सुरेंद्र की मौके पर मौत हो गई. शव सड़क किनारे फेंक दिया गया. आरोपियों ने इसे हादसा दिखाने की कोशिश की, मगर गहरे जख्मों ने राज खोल दिया.
परिजनों को कैसे मिली हादसे की सूचना?
सुरेंद्र देर रात तक घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने फोन मिलाया, लेकिन फोन बंद था. पुलिस ने रात में सुरेंद्र के भाई को सूचना दी कि एक्सीडेंट हुआ है. परिवार अस्पताल पहुंचा, लेकिन वहां सुरेंद्र मृत पड़ा था. पहले परिजनों ने इसे एक्सीडेंट माना, लेकिन पीठ और गर्दन के गहरे जख्म देख कर हत्या का शक हुआ.
पत्नी फ्लाइट से आई, आंसू बहाए
वारदात के बाद रेखा ड्रामा करने में पीछे नहीं रही. वह नागपुर से फ्लाइट पकड़कर जयपुर पहुंची, फिर किशनगढ़ से पहली बार ससुराल आई. शोकसभा में रोई, आंसू बहाए. शादी के सात साल बाद वह पहली बार ससुराल आई और वह भी अपने हाथों किए गए अपराध पर नकली शोक जताने. पर पुलिस की नजरों से नहीं बच सकी.
पुलिस की जांच, सीसीटीवी और खुलासा
गच्छीपुरा थाने में उमाराम ने रिपोर्ट दर्ज कराई. मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम में स्पष्ट हुआ. गला धारदार हथियार से कटा. पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया. सीआई महावीर सिंह की टीम जांच में जुटी. सीसीटीवी में दो लोग चोरी की नंबर प्लेट वाली बाइक से जाते दिखे. फुटेज से जीवणराम की पहचान हुई और उसे गिरफ्तार किया गया.
कड़ी पूछताछ में राजूराम का नाम सामने आया और फिर पूरा सच खुला. वास्तव में हत्या की साजिश नागपुर से रेखा ने रची. उसके कहने पर कुचामन के डी-मार्ट से नया चाकू खरीदा गया और वारदात को अंजाम दिया गया.
दोनों आरोपी उस रात मोबाइल लेकर नहीं गए ताकि पुलिस लोकेशन ट्रेस न कर सके, लेकिन सीसीटीवी से राज खुल गया.
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने निकाला जुलूस
7 दिसंबर 2025 को रेखा, राजूराम और जीवणराम तीनों गिरफ्तार हुए. गच्छीपुरा पुलिस ने आरोपियों का जुलूस निकाला और वारदात पर कड़ा संदेश दिया. डीवाईएसपी विक्की नागपाल ने बताया कि एक्सीडेंट की सूचना के बाद मेडिकल बोर्ड, सीसीटीवी और इंटेलिजेंस की मदद से पांच दिनों में ब्लाइंड मर्डर का खुलासा किया गया.