मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां दो साल पहले शमसाबाद से लापता हुई एक 16 साल की मासूम बच्ची को पुलिस ने अब पाकिस्तान बॉर्डर से बरामद किया है. बच्ची को मजदूरी के नाम पर ले जाया गया था, लेकिन इस मामले ने मानव तस्करी के बड़े रैकेट की ओर इशारा किया है.
साल 2023 लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी. 16 साल की नाबालिग को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया. तब से लेकर अब तक – दो साल बीत चुके थे लेकिन तलाश जारी रही. अब ऑपरेशन मुस्कान के तहत विदिशा पुलिस को तब बड़ी कामयाबी हाथ लगी जब बच्ची को पाकिस्तान बॉर्डर के पास मजदूरी करते हुए पाया गया.
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि बच्ची को सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि गुजरात, राजस्थान और अन्य राज्यों में ले जाकर मजदूरी कराई गई. साथ ही उसके साथ शारीरिक शोषण भी किया गया. एडिशनल एसपी प्रशांत चौबे ने बताया कि दो साल पहले लड़की की गुमशुदगी की शिकायत आई थी. हमारी टीम ने गंभीरता से जांच की. पता चला कि एक आरोपी विशाल अहिरवार बच्ची को टनल प्रोजेक्ट के बहाने बॉर्डर ले गया था. फिलहाल लड़की से पूछताछ जारी है, जैसे-जैसे खुलासे होंगे, धाराएं बढ़ाई जाएंगी.
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या मजदूरी के नाम पर गरीब बच्चियों को निशाना बनाया जा रहा है? क्या कोई बड़ा मानव तस्करी का गिरोह प्रदेश में सक्रिय है? मध्य प्रदेश में लड़कियों की गुमशुदगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. शमसाबाद की यह घटना प्रशासन के दावों और जमीनी हकीकत के बीच की खाई को उजागर करती है.