What is brown fat: अक्सर आपने सुना होगा शरीर का फैट बुरा होता है क्योंकि एक निश्चित मात्रा से अधिक फैट होना बीमारियों को न्यौता देता है. लेकिन काफी कम लोग जानते हैं होंगे शरीर में 2 तरह के फैट होते हैं. मानाकि एक फैट शरीर के लिए अच्छा नहीं होता लेकिन वहीं दूसरा फैट शरीर के लिए जरूरी होता है. इंसानी शरीर में 2 प्रकार के फैट होते हैं, सफेद फैट और ब्राउन फैट.
सफेद फैट को हगिंग फैट भी कहा जाता है जो आमतौर पर जिद्दी होता है और पेट, कूल्हों और जांघों पर काफी मजबूती से चिपका रहता है. दूसरा होता है ब्राउन फैट जो कि मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और इसे बर्न करना आसान होता है. ब्राउन फैट कंधे और गर्दन के बीच पाया जाता है. ब्राउन फैट शरीर में कैसे काम करता है, इस बारे में सभी को जानना चाहिए ताकि उसे एक्टिवेट करके फैट लॉस स्पीड को बढ़ा सकें.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
ब्राउन फैट पर हुई रिसर्च के राइटर प्रोफेसर जान विल्हेम कॉर्नफेल्ड का कहना है, 'सफेद फैट भोजन से प्राप्त कैलोरी को स्टोर करता है और मोटापे के साथ इसका साइज बढ़ जाता है और ये मेडिकल समस्याओं का कारण बनता है. वहीं ब्राउन फैट बहुत कम मात्रा में फैट स्टोर करता है लेकिन ये फैट, भोजन से मिली कैलोरी को गर्मी में बदल देता है, जिससे वह कैलोरी बर्न हो जाती है और वजन नहीं बढ़ाती."
मोटापे से लड़ने में कारगर
लंबे समय तक वैज्ञानिकों का मानना था कि ब्राउन फैट केवल शिशुओं या युवाओं में पाया जाता है और उम्र के साथ कम हो जाता है. हालांकि 2009 में द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में पब्लिश हुई रिसर्च ने इस धारणा को बदला. रिसर्च ने बताया कि वयस्कों में ब्राउन फैट का सबसे आम स्थान गर्दन और कंधों के बीच का क्षेत्र (Cervical-supraclavicular depot) होता है, और यह उनके बॉडी मास इंडेक्स (BMI) से जुड़ा हो सकता है.
2013 में नीदरलैंड में की गई रिसर्च में पाया गया था कि यदि स्वस्थ वयस्कों को 15–16 डिग्री सेल्सियस तापमान में प्रतिदिन लगभग 6 घंटे रखा जाए, तो उनके ब्राउन फैट में बढ़त होती है. इससे साफ होता है कि न केवल ब्राउन फैट वयस्कों में मौजूद होता है, बल्कि उसे एक्टिव भी किया जा सकता है.
आज जब मोटापा वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है तो रिसर्चर्स मानते हैं कि ब्राउन फैट को एक्टिव करने से मोटापे को कम करने में मदद मिल सकती है.
कैसे एक्टिव कर सकते हैं ब्राउन फैट
रिसर्च कहती हैं कि ठंडा एक्सपोजर, चिली पेपर और GLP-1 दवाएं ब्राउन फैट को एक्टिव कर सकती हैं जो मोटापा और डायबिटीज के खिलार असरदार साबित हो सकते हैं. वहीं सर्दियों में हल्की ठंड सहन करना या कोल्ड शॉवर लेने से भी ब्राउन फैट एक्टिवेट होता है.