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Premanand Maharaj: बचपन में किस चीज से स्नेह करते थे प्रेमानंद महाराज, भक्त को दिया ये जवाब

Premanand Maharaj: वृंदावन के प्रेमानंद महाराज जी भक्तों को केवल धार्मिक, आध्यात्मिक मार्ग की तरफ ही नहीं मोड़ते हैं बल्कि वो उनसे उनके जीवन की समस्याओं पर भी बातचीत करते हैं. कुछ समय पहले एक भक्त ने उनसे उनके बचपन से जुड़ा सवाल कर लिया जिसका जवाब प्रेमानंद महाराज ने बड़े ही प्यार से दिया. आइए जानते हैं कि प्रेमानंद महाराज से क्या पूछा गया था.

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प्रेमानंद महाराज ने बताया बचपन में उन्हें क्या पसंद था (Instagram@premanandji_.maharaj_official)
प्रेमानंद महाराज ने बताया बचपन में उन्हें क्या पसंद था (Instagram@premanandji_.maharaj_official)

Premanand Maharaj: वृंदावन के प्रेमानंद महाराज जी के पास दूर-दूर से लोग अपनी समस्याएं लेकर आते हैं और वो पूरी तसल्ली के साथ अपने भक्तों की समस्याओं को सुनकर उन्हें हल भी बताते हैं. प्रेमानंद नियमित रूप से सत्संग और प्रवचन करते हैं जिनमें वो श्रीमद्भागवत गीता, श्रीमद्भागवतम् और अन्य धार्मिक ग्रंथों के सार को सरल और भावपूर्ण तरीके से समझाते हैं.

बचपन में प्रेमानंद महाराज को क्या-क्या प्रिय था

प्रेमानंद महाराज से एक बार उनके भक्त ने पूछा कि जब आप छोटे थे तो आपको क्या-क्या प्रिय था तो इस पर प्रेमानंद महाराज का जवान सुन आप हैरान रह जाएंगे. उन्होंने बताया, 'बचपन में मां प्रिय था. मां से प्रेम था. सबसे ज्यादा मां के निकट प्रेम रहा. खाने में मिठाई प्रिय थी. खेलने में कुश्ती प्रिय थी यानी क्रीड़ा में मुझे कुश्ती प्रिय थी. भगवानों में भगवान शंकर प्रिय थे. भगवान की कपा रही है.'

क्यों प्रेमानंद महाराज की तरफ खिंचे चले जाते हैं लोग

प्रेमानंद महाराज जी के प्रवचन में एकांतिक वार्तालाप भी होता है जो ईश्वर, भक्ति, धर्म, सद्कर्म के मार्ग पर चलने और प्रेम, वैराग्य और राधा नाम जप के महत्व पर केंद्रित होते हैं. उनके उपदेशों से प्रेरित होकर लाखों लोग, जिनमें बड़े अभिनेता, नेता और खिलाड़ी भी शामिल हैं, उनसे मार्गदर्शन लेने के लिए वृंदावन आते हैं.

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कैसे लोगों की समस्याओं को हल करते हैं प्रेमानंद महाराज

एकांतिक वार्तालाप एक विशेष सत्र है जहां भक्तगण अपनी आध्यात्मिक समस्याओं, शंकाओं और जीवन की चुनौतियों पर महाराज जी से व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं. यह सत्र पूरी तरह से निशुल्क होता है और इसमें केवल भक्ति व आध्यात्मिक प्रश्नों पर ही बात की जाती है जिससे साधकों को सही मार्ग मिल सके. 

यूं तो प्रेमानंद महाराज अपने सरल उपदेशों के माध्यम से लोगों को राधा-कृष्ण की भक्ति और सात्विक जीवन की राह दिखाते हैं लेकिन कई बार वो लोगों को जीवन जीने के सही तरीके भी बताते हैं ताकि उनके भक्तों का जीवन सुख, शांति और खुशियों से भरपूर हो.

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