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2 KG चिकन, 1 KG चावल, 10 अंडे खाता है यह इंडियन बॉडी बिल्डर, 12 घंटे में ऐसे घटाया 4 किलो वजन

Indian bodybuilder: दुकान में लोगों को पानी पिलाने वाला शख्स अपनी मेहनत से आज आईएफबीबी प्रो कार्ड विनर बन गया है. इस शख्स का नाम दीपक नंदा (Dipak nanda) है जो इंडियन रॉक नाम से फेमस हैं. उनकी फिटनेस जर्नी कैसी थी, उन्होंने कॉम्पिटिशन की तैयारी कैसे की? इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

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इंडियन बॉडीबिल्डर दीपक नंदा (Dipak Nanda) जो इंडियन रॉक नाम से फेमस हैं.
इंडियन बॉडीबिल्डर दीपक नंदा (Dipak Nanda) जो इंडियन रॉक नाम से फेमस हैं.

Indian rock: बॉडीबिल्डिंग दुनिया के सबसे मुश्किल खेलों में से एक है. दुनिया में एक से एक दिग्गज बॉडी बिल्डर हुए हैं. अगर फेमस बॉडी बिल्डर्स की बात आती है तो हर इंसान के दिमाग में नाम आते हैं अर्नाल्ड श्वार्जनेगर, रॉनी कोलमेन, फिल हीथ आदि. अगर इंडियन बॉडीबिल्डिंग की बात करें तो इंडिया में भी बॉडीबिल्डिंग काफी फेमस स्पोर्ट है और यहां भी एक से बढ़कर एक बॉडी बिल्डर हुए हैं. कई यंगस्टर्स ऐसे हैं जो बचपन से बॉडीबिल्डर बनने का सपना देखते हैं तो कुछ लोग प्रोफेशनल तरीके से इसकी तैयारी करते हैं. 

ऐसे ही एक इंडियन बॉडीबिल्डर का नाम है दीपक नंदा (Dipak Nanda). दीपक नंदा को लोग 'इंडियन रॉक' नाम से भी जानते हैं क्योंकि उनकी पर्सनैलिटी और लुक WWE फाइटर रॉक यानी ड्वेन जॉनसन (Dwayne Johnson) से मिलता-जुलता है. दीपक ने Aajtak.in से बात करते हुए अपना स्ट्रगल और चैलेंजेज के बारे में बात की और बताया कि कैसे वह एक सेल्समैन से प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर बने. हाल ही में दीपक ने मुंबई में हुए इंटरनेशनल बॉडीबिल्डिंग शो 'एमेच्योर ओलंपिया आईएफबीबी प्रो शो में ओवर ऑल इन क्लासिक' कैटेगरी में आईएफबीबी प्रो कार्ड (IFBB Pro Card) जीता है जो उन्हें 243 लोगों में मिला. 

कौन हैं दीपक नंदा (Who is Dipak Nanda)

दीपक नंदा मुख्य रूप से दिल्ली के ही रहने वाले हैं. उनका बचपन काफी स्ट्रगल भरा था और उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह बॉडीबिल्डिंग में जाएंगे लेकिन जब से उनकी लाइफ में उनकी वाइफ रूपल नंदा की एंट्री हुई, उसके बाद से उन्होंने बॉडीबिल्डिंग में जाने का मन बनाया और अब वह आईएफबीबी प्रो कार्ड भी जीत चुके हैं. 

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लोगों को पानी पिलाते थे दीपक

Aajtak.in से बात करते हुए दीपक ने बताया, “मेरा बचपन काफी स्ट्रगल में बीता. हम लोग मिडिल क्लास फैमिली से आते थे. मैं जब आठवीं क्लास में था तब एक दुकान पर लोगों को चाय-पानी पिलाने का काम करता था और फिर उसके बाद स्कूल जाता था. उस समय मुझे 50 रुपये रोज मिलते थे. जैसे-तैसे मैंने पढ़ाई पूरी की और फिर सेल्समैन के तौर पर नौकरी लगी, जहां मुझे 5 हजार रुपये महीने मिलने लगे. मैं स्कूल के समय से फिट रहने के लिए एक्सरसाइज तो कर रहा था लेकिन मैंने कभी भी बॉडीबिल्डिंग में जाने का नहीं सोचा था. एक्सपीरियंस होने के बाद मेरी मॉल में जॉब लगी जहां पर काम करते हुए मेरी लाइफ में रूपल आई और वहीं से मेरी फिटनेस जर्नी की शुरुआत हो गई क्योंकि रूपल ने ही मुझे फिटनेस फील्ड के एक्सपर्ट्स से मिलाया और बताया कि मैं इस फील्ड में नाम कमा सकता हूं.”

2015 से की प्रोफेशनल बॉडीबिल्डिंग की शुरुआत

दीपक बताते हैं, “रूपल के लाइफ में आने के बाद हमारी 2011 में शादी हुई थी और फिर मैंने जिम में ट्रेनर की जॉब शुरू की. शादी के बाद घर वालों ने घर से बाहर निकाल दिया था तो वह समय हम दोनों के लिए काफी चैलेंजिंग था. इसके बाद मैंने प्रोफेशनल बॉडीबिल्डिंग की शुरुआत की और 2015 में पहली बार मिस्टर दिल्ली का खिताब जीता. इसके बाद 7 सालों में मिस्टर इंडिया, आयरन मैन, नॉर्थ इंडिया ओवरऑल चैंपियन जैसे कई खिताब जीते और हाल ही में विदेशों से आए कंटेस्टेंस्ट को मात देते हुए प्रो कार्ड जीता जो मेरे लिए गर्व की बात है.”

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12 घंटे में घटाया 4 किलो वजन

दीपक बताते हैं, “मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है और प्रो कार्ड के लिए मैंने ए कैटेगरी के लिए तैयारी की हुई थी जिसके लिए मेरा वजन 93 किलो था. लेकिन अचानक के कॉम्पिटिशन के एक दिन पहले मुझे पता चला कि मेरा नाम बी कैटेगरी में है जिसके लिए मेरा वजन 89 किलो होना चाहिए. इसके बाद मेरे ट्रेनर ने मेरी फिजिक को देखते हुए कुछ ऐसा एक्सपेरिमेंट किया कि अगले दिन सुबह मेरा वजन 89 किलो हो गया था. दरअसल, उन्होंने मुझे पेट भरकर चावल खिलाए और पानी पीने नहीं दिया. इससे चावल ने मेरी बॉडी का सारा पानी सोख लिया और वॉटर वेट कम हो गया.”

कॉम्पिटिशन के लिए ली ऐसी डाइट

दीपक बताते हैं, “किसी भी प्रोफेशनल बॉडीबिल्डिंग कॉम्पिटिशन में आपकी बॉडी पर आपको दिन-रात मेहनत करनी होती है. आपकी एक गलत मील आपकी बॉडी को पूरी तरह बदल सकती है. अगर मुझे एक्सरसाइज करते समय दर्द होता था तो मैं पेन रिलीफ टेबलेट भी नहीं खा सकता था क्योंकि टेबलेट शरीर में पानी को रोककर रखती हैं. इससे वजन बढ़ने का डर रहता है. जब मैंने जून से अक्टूबर तक कटिंग की तो मैंने कार्ब का सेवन कम कर दिया था और प्रोटीन का सेवन बढ़ा दिया था. कटिंग के समय मैं लगभग 2 किलो चिकन, 10 अंडे और करीब 900-1000 ग्राम चावल खाता था. हरी-सब्जियां, चिया सीड्स, ओट्स भी डाइट में शामिल थे. इस खाने को मैं 6 बार में खाता था. कॉम्पिटिशन के बाद मैं अचानक खाना भी शुरू नहीं कर सकता नहीं तो बॉडी को शॉक लगेगा क्योंकि मैं समय से इस डाइट पर हूं. ऐसे में नॉर्मल रूटीन पर आने के लिए मुझे रिवर्स डाइट फॉलो करनी होगी.”

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