सोया चाप (Soya Chaap) एक काफी टेस्टी लेकिन शाकाहारी व्यंजन है जिसे अक्सर नॉनवेज के ऑप्शन के रूप में देखा जाता है क्योंकि बनने के बाद ये नॉनवेज जैसा दिखता है. सोया चाप को मुख्य रूप से सोयाबीन और मैदा (या कभी-कभी गेहूं का आटा/बेसन) मिलाकर बनाया जाता है. बनाने के बाद इसे लकड़ी की स्टिक्स पर लपेटा जाता है, जिससे यह चाप का आकार लेता है. वैसे तो सोयाबीन से बनने के कारण इसे प्रोटीन का अच्छा सोर्स माना जाता है लेकिन क्या सच में ऐसा है? सोया चाप में प्रोटीन होता है या नहीं, इस बारे में क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता पांचाल ने इंस्टाग्राम वीडियो में बताया है.
क्या कहती हैं डायटीशियन?
श्वेता के मुताबिक, 'अधिकतर बाहर मिलने वाले सोया चाप को लोग प्रोटीन समझकर खाते हैं लेकिन यह वास्तव में क्लीन प्रोटीन नहीं, बल्कि अधिकतर प्रोसेस्ड फूड की कैटेगरी में आता है. मार्केट की सोया चाप ज्यादातर शुद्ध सोया प्रोटीन से नहीं बल्कि मैदा, ग्लूटेन, तेल, नमक और फ्लेवरिंग के मिश्रण से बनाई जाती है जिससे इसमें फैट, सोडियम और रिफाइंड कार्ब्स अधिक और क्वालिटी प्रोटीन अपेक्षाकृत कम हो जाता है.'
'इस तरह के प्रोसेस्ड चाप को रोजाना या हाई-प्रोटीन फूड समझकर बार-बार खाने से शरीर में इन्फ्लामेशन, वजन बढ़ने और ब्लड शुगर व लिपिड प्रोफाइल पर नेगेटिव असर की आशंका बताई जाती है.'
'सोया चाप में प्रोटीन होता है, यह बात आधी सच है क्योंकि प्रोटीन के साथ काफी प्रोसेसिंग, मैदा और केमिकल ऐडिटिव्स भी साथ में आ जाते हैं जो हेल्थ के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं.'
'मैं सुझाव देती हूं कि अगर प्रोटीन की ज़रूरत पूरी करनी हो तो दालें, राजमा, चने, स्प्राउट्स, पनीर, टोफू जैसे नेचुरल और कम प्रोसेस्ड सोर्स बेहतर हैं जबकि सोया चाप (खासकर रेस्तरां/स्ट्रीट वर्जन) को कभी-कभार ट्रीट की तरह लें, रोज़मर्रा की प्रोटीन जरूरत के भरोसेमंद सोर्स की तरह नहीं.'