बादाम सबसे अधिक खाए जाने वाले ड्राईफ्रूट्स में से एक है जो सेहत के लिए काफी हेल्दी होती है. इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट, फाइबर, प्रोटीन और कई आवश्यक पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं. ये पोषक तत्व हार्ट हेल्थ, ब्लड शुगर कंट्रोल, हड्डियों के स्वास्थ्य और डाइजेशन में सुधार करते हैं, एनर्जी को बढ़ाते हैं और वेट मैनेजमेंट में भी मदद करते हैं. बादाम के सेवन को लेकर इंटरनेट पर अलग-अलग राय हैं कुछ लोग छिलके समेत बादाम खाने की सलाह देती हैं तो कुछ लोग छिलके हटाकर. अब ऐसे में भीगे आप जान लीजिए कि बादाम का सेवन कैसे करनी ठीक रहेगा, छिलका निकालकर या छिलका समेत.
बादाम खाने का सही तरीका क्या है?
बादाम खाने का 'सही' तरीका व्यक्तिगत पसंद और फायदों पर निर्भर करता है और इसे छिलके समेत या छिलके के बिना भी खाया जा सकता है. छिलके के साथ या छिलके के बिना खाने पर बस उसके डाइजेशन पर फर्क पड़ता है.
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बादाम को भिगोकर खाने से डाइजेशन तेजी से होता है और उसके पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है. बिना छिलके वाले बादाम में अधिक फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जबकि कुछ लोगों को छिलके वाले बादाम आसानी से पचाने में मदद मिल सकती है. इसलिए ये आपकी पर्सनल च्वाइस पर निर्भर करेगा कि आप कैसे खाना चाहते हैं.
छिलका खाएं या नहीं?
बादाम का छिलका बादाम का ही एक हिस्सा होता है और उसमें भी कई पोषक तत्व जैसे फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. छिलके में हाई फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होता है जो डाइजेशन में मदद करते हैं और हेल्दी आंत को प्रमोट करते हैं. साथ ही शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन से बचाने में मदद कर सकते हैं. इससे पेट भरा हुआ महसूस होता है.
जिनकी डाइजेशन अच्छा रहता है, उनके लिए यह अधिक फायदेमंद हो सकता है. कुछ लोगों को छिलके का हल्का कड़वा या मिट्टी जैसा स्वाद पसंद होता है जबकि अन्य लोगों को इसे पचाने में कठिनाई होती है या वे छिलके के बिना बादाम खाना पसंद करते हैं.
कुछ व्यक्तियों को इसकी त्वचा को पचाने में कठिनाई हो सकती है. बादाम के छिलकों में टैनिन होता है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डाल सकता है. यदि आपको भी छिलके वाले बादाम डाइजेस्ट नहीं होते तो छिलका निकालकर खाएं.