सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों को तेजी से निपटाने का सिलसिला शुरू हुआ है. जस्टिस यू. यू. ललित के मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद इस काम ने गति पकड़ी है. अब अगर सितंबर के आंकड़ों को देखा जाए, तो महीनेभर में ही 800 से ज्यादा केस का निपटारा हो चुका है.
सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री की ओर से जारी सूचना के मुताबिक एक महीने में 849 केस का निपटारा किया गया है. यहां 29 जजों की कुल संख्या में अमूमन 13-14 रेगुलर बेंच सुनवाई करती हैं. इस तरह अगस्त के अंत में जहां सुप्रीम कोर्ट में लंबित मुकदमों की संख्या 70,310 थी जो सितंबर के अंत में 69,410 तक आ गई है.
पेंडिंग मामलों को लिस्ट किया गया
जस्टिस यू. यू. ललित के आने के बाद ऐसे मुकदमे जिन्हें दशकों से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध ही नहीं किया गया था, उन्हें सूचीबद्ध कर न केवल सुनवाई की गई. बल्कि कई को अब निष्प्रभावी घोषित कर दिया गया है. जबकि कई का समुचित निपटारा भी किया गया है.
अक्टूबर महीने में नवरात्रि, दशहरा और दिवाली की छुट्टियां हैं. ऐसे में कोर्ट कई दिन बंद रहेगी. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि नवंबर के दूसरे हफ्ते में कई हजार मुकदनों का निपटारा किया जाएगा. यानी चीफ जस्टिस यू. यू. ललित अपने रिटायरमेंट से पहले कई हजार मुकदमों का निपटारा करवा चुके होंगे.
जस्टिस यू. यू. ललित ने बनाई कार्य प्रणाली
जस्टिस यू. यू. ललित से पहले देश के मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस एन. वी. रमणा ने अपने रिटायरमेंट के वक्त इस बात पर गहरा अफसोस जताया था कि वो मुकदमों की तेजी से सुनवाई के लिए लिस्टिंग का सिस्टम नहीं सुधार पाए. हालांकि जस्टिस यू. यू. ललित ने इस काम को अपनी पहली प्राथमिकता में रखा है.
सुप्रीम कोर्ट की सभी बेंच के लिए लंच ब्रेक से पहले और बाद का शेड्यूल तय किया गया है. इस तरीके से नए दाखिल होने वाले केस के साथ-साथ मिसलेनियस, पुराने, आधी सुनवाई हो चुके,फाइनल हियरिंग वाले, आदेश की प्रतीक्षा कर रहे और नॉन मिसलेनियस मुकदमों की लंबित सूची भी घटी है.
मुकदमों के तेजी से निपटारे को आने वाले दिनों में भी जारी रखा जाएगा. जस्टिस यू. यू. ललित के बाद चीफ जस्टिस बनने वाले जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने इसके संकेत दिए हैं. बीते शुक्रवार को रात सवा नौ बजे तक उन्होंने मुकदमों की तय सूची की सुनवाई और कार्यवाही पूरी की. उसके बाद ही वो उन्होंने उस दिन का काम खत्म किया.