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'मतभेद सुलझाओ, फिर दिल्ली आओ...' सिद्धारमैया-शिवकुमार की ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी के बीच कांग्रेस हाईकमान की दो टूक

कर्नाटक कांग्रेस में CM कुर्सी को लेकर मची खींचतान पर दिल्ली हाईकमान अलर्ट है और पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है. सोशल मीडिया पर 'जुबानी जंग' से नाराज हाईकमान ने सिद्धारमैया और DK शिवकुमार दोनों को कड़ा संदेश दिया है. आज सुबह ब्रेकफास्ट पर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच बैठक हुई है. इससे पहले रात में डीके कैंप के MLAs के जुटान से कांग्रेस में तनाव चरम पर है.

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बेंगलुरु में सीएम सिद्धारमैया के आमंत्रण पर डीके शिवकुमार ब्रेकफास्ट के लिए पहुंचे. (Photo- ITG)
बेंगलुरु में सीएम सिद्धारमैया के आमंत्रण पर डीके शिवकुमार ब्रेकफास्ट के लिए पहुंचे. (Photo- ITG)

कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम DK शिवकुमार के बीच चल रहा नेतृत्व विवाद अब खुलकर सामने आ गया है. सोशल मीडिया पर दोनों गुटों की बयानबाजी और लगातार बढ़ रही अंदरूनी लड़ाई से नाराज कांग्रेस हाईकमान ने साफ चेतावनी दे दी है. हाईकमान ने दोटूक कह दिया है कि दोनों मिलकर मामला सुलझाइए और फिर दिल्ली आइए. अंतिम फैसला हाईकमान करेगा. इसी बीच, शनिवार सुबह सिद्धारमैया ने DK शिवकुमार को अपने आवास पर ब्रेकफास्ट के लिए बुलाया, जहां दोनों नेताओं ने मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की. लेकिन इसके समानांतर शिवकुमार के समर्थक विधायकों ने रात में अलग से रणनीतिक बैठक की, जिससे विवाद और गहरा गया है.

फिलहाल, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार का दिल्ली दौरा फिलहाल टल गया है. शिवकुमार अब मांड्या के केआर पेट जा रहे हैं, जहां वे एक पूजा में शामिल होंगे.

इससे पहले कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार के बीच पावर शेयरिंग को लेकर विवाद बड़ी राजनीतिक हलचल में बदल गया है. शुक्रवार शाम कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दोनों नेताओं को कड़ा संदेश दिया. केसी वेणुगोपाल ने दोनों नेताओं से अलग-अलग फोन पर बात की और कहा, आप सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर कटाक्ष कर रहे हैं. यह कांग्रेस की संस्कृति नहीं है. दिल्ली आने से पहले अपने मतभेदों को सुलझाइए. अंतिम निर्णय हाईकमान का होगा, लड़ाई मत कीजिए. माना जा रहा है कि 30 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र से पहले पार्टी की रणनीति समूह की बैठक के बाद केंद्रीय नेतृत्व इस संकट पर चर्चा कर सकता है.

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वेणुगोपाल ने दोनों नेताओं से साफ कहा कि एकजुटता बेहद जरूरी है और राज्य की राजनीति में यह खींचतान पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रही है.

सुबह ब्रेकफास्ट मीटिंग... सिद्धारमैया के घर पहुंचे DK शिवकुमार

शनिवार सुबह बेंगलुरु में सिद्धारमैया के आवास पर DK शिवकुमार पहुंचे, जहां ब्रेकफास्ट मीटिंग हुई. मुख्यमंत्री के कानूनी सलाहकार AS पोनाना भी मौजूद थे. सिद्धारमैया ने बताया कि हाईकमान की कॉल से पहले वे दोनों आपस में बात कर रहे हैं.

इससे पहले शुक्रवार को सिद्धारमैया ने कहा था कि हाईकमान ने दोनों को बुलाया है. मैंने उन्हें नाश्ते पर बुलाया है. मैं वही करूंगा जो हाईकमान कहेगा.

डीके शिवकुमार आज रवाना होने वाले थे दिल्ली

सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार को आज दोपहर तक दिल्ली के लिए रवाना होना था. शाम तक हाईकमान के साथ बैठक की योजना थी. इसके साथ ही मेकेदातु प्रोजेक्ट को लेकर भी चर्चा करनी थी. हालांकि, अब दौरा टलने की खबर आ रही है.

उधर, सिद्धारमैया ने साफ कर दिया है कि वे हाईकमान की आधिकारिक कॉल मिलने के बाद ही दिल्ली जाएंगे.

ब्रेकफास्ट के बाद क्या बोले सिद्धारमैया...

ब्रेकफास्ट के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सिद्धारमैया ने कहा, ब्रेकफास्ट अच्छा रहा. मैंने आज डिप्टी सीएम और पोनन्‍ना के साथ नाश्ता किया. हमने नाश्ते के दौरान कोई खास बातचीत नहीं की. डीके घर आए और हमने साथ में नाश्ता किया. वेणुगोपाल ने परसों फोन करके डीके शिवकुमार को नाश्ते के लिए बुलाने को कहा था.दरअसल, DK ने मुझे अपने घर नाश्ते पर बुलाया था, पर आज नाश्ते का कार्यक्रम मेरे घर पर तय हुआ. किसी दिन हम उनके घर दोपहर के भोजन के लिए जाएंगे. हमारी मुलाकात का मकसद भ्रम खत्म करना था. हम दोनों साथ बैठे और बातचीत की.

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सीएम ने आगे कहा, हमारा लक्ष्य है. 2028 के चुनाव हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं और स्थानीय निकाय चुनाव भी महत्वपूर्ण हैं. मैं और डीके, जैसे हमने विधानसभा चुनावों के दौरान साथ मिलकर काम किया था, वैसे ही आगे भी साथ काम करेंगे. हमारे बीच पहले भी कोई मतभेद नहीं थे, न अब हैं और न भविष्य में होंगे. 8 तारीख से विधानसभा सत्र शुरू होगा और हम विपक्ष का सामना करेंगे. हमने विपक्ष से निपटने की रणनीति तैयार कर ली है. उन्होंने कहा है कि वे अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे. हम 140 हैं और वे 42. दोनों, जेडीएस और बीजेपी मिलकर भी 82 होते हैं. वे कुछ नहीं कर सकते.

सिद्धारमैया का कहना था कि हमने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं कि हाईकमान जो भी निर्देश देगा, हम उसके फैसले का पालन करेंगे. हमारा विधानसभा सत्र है, इसलिए हाईकमान ने कहा कि उससे पहले इस मुद्दे को सुलझा लिया जाए. यह सब सिर्फ मीडिया द्वारा पैदा किया गया भ्रम था. कुछ मीडिया रिपोर्टों ने भ्रम की स्थिति पैदा की है. विधायक कैबिनेट में स्थान पाने के लिए दिल्ली गए थे. इसका मतलब यह नहीं है कि वे नेतृत्व के खिलाफ हैं. उनमें से कुछ ने तो हमसे यह भी कहा कि वे कैबिनेट के लिए ही गए थे. हम हाईकमान के निर्देशों के अनुसार ही काम करेंगे.

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रात में DK कैंप की MLAs मीटिंग... 10 विधायक हुए शामिल

सुबह की ब्रेकफास्ट मीटिंग तय होने के बाद शुक्रवार रात डीके शिवकुमार के समर्थक विधायकों का एक बड़ा डिनर मीट हुआ. इस बैठक में लगभग 10 विधायकों ने हिस्सा लिया. यह बैठक बेंगलुरु एयरपोर्ट रोड स्थित एक रिज़ॉर्ट में हुई, जिसमें मागदी MLA बालकृष्ण, कुनिगल MLA रंगनाथ, नारा भारत रेड्डी, महेंद्र तम्मननावर, एच.डी. तिम्मैया, अशोक मनागोली आदि शामिल रहे. 

बैठक में शिवकुमार गुट ने उत्तर कर्नाटक के विधायकों को भी फोन कर समर्थन मांगा. सूत्रों का दावा है कि डीके शिवकुमार का कैंप सभी जिलों के विधायकों से संपर्क में है.

'हर किसी की CM बनने की आकांक्षा गलत नहीं'

कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने नेतृत्व विवाद पर कहा कि किसी को डीके शिवकुमार चाहिए, किसी को सिद्धारमैया पसंद हैं. किसी को मैं… यह सामान्य है. हर चुनाव या बीच-बीच में नेतृत्व को लेकर चर्चा होती है. दलितों की आकांक्षाएं भी गलत नहीं. हाईकमान सब देख रहा है और वही फैसला करेगा.

'कांग्रेस हाईकमान कमजोर... लड़ाई पर सड़क पर आई'

इधर, BJP ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसा है. कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और BJP MLA आर अशोक ने कहा, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की लड़ाई सड़क पर आ गई है. कांग्रेस हाईकमान बिल्कुल कमजोर है. 2.5 साल के पावर शेयरिंग समझौते को लागू होना चाहिए, लेकिन सिद्धारमैया हटने को तैयार नहीं हैं. एक साल से राज्य में कोई विकास नहीं हो रहा. मंत्री दफ्तर तक नहीं जा रहे. पूरा राज्य भ्रम में है कि CM कौन है.

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'सीक्रेट एग्रीमेंट था, 2.5 साल बाद मुझे CM बनना है'

डीके शिवकुमार कई बार संकेत दे चुके हैं कि 2023 में एक गुप्त समझौता हुआ था. पहले 2.5 साल सिद्धारमैया CM रहेंगे. बाद में वे (DKS) पद संभालेंगे. फिलहाल, कहा जा रहा है कि हाईकमान इस पर जल्द निर्णय लेने वाला है. दोनों नेताओं ने दोहराया कि वे हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे.

इससे पहले बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत में डीके शिवकुमार ने कहा था कि पार्टी कार्यकर्ता उत्सुक हो सकते हैं, लेकिन मुझे कोई जल्दी नहीं है. पार्टी सभी निर्णय लेगी. हालांकि उन्होंने दिल्ली की यात्रा से इनकार नहीं किया और स्पष्ट किया कि वे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस नेतृत्व के साथ कई प्रमुख मुद्दों पर बात करेंगे.

क्यों चर्चा में दोनों के पोस्ट?

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक्स पोस्ट में लिखा था कि शब्द तभी शक्ति रखते हैं जब वे लोगों की जिंदगी बेहतर बनाएं.  उनका यह पोस्ट राजनीतिक रूप से डीके शिवकुमार के उस पोस्ट के जवाब में माना गया, जिसमें उन्होंने शब्द की ताकत और वादे निभाने की राजनीति का हवाला दिया था. डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने बिना लाग-लपेट कहा था, शब्द की शक्ति ही विश्व की शक्ति है. दुनिया में सबसे बड़ी ताकत है अपना वादा निभाना. चाहे कोई जज हो, राष्ट्रपति हो या वे खुद... हर किसी को कहा हुआ निभाना चाहिए, क्योंकि असली ताकत उसी में है.

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वोक्कालिगा स्वामीजी का समर्थन

वोक्कालिगा समुदाय के धार्मिक नेता नंजावदुथ स्वामीजी शुक्रवार को शिवकुमार के आवास पहुंचे और खुलेतौर पर उनके CM दावे का समर्थन किया.

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