उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर तहसील में बुधवार रात आई आपदा ने कुंतरी और धूर्मा गांव को तबाह कर दिया. अतिवृष्टि और मलबे की चपेट में आए इन गांवों में अब तक सात लोगों के शव बरामद हो चुके हैं, जबकि धूर्मा गांव के दो लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर पर चल रहे हैं, लेकिन टूटी सड़कों और दुर्गम भौगोलिक हालात ने रेस्क्यू टीमों की चुनौती बढ़ा दी है.
कुंतरी गांव में मातम पसरा हुआ है. गुरुवार तक यहां दो शव बरामद हुए थे और एक व्यक्ति को सुरक्षित बचाया गया था. शुक्रवार दोपहर राहत दलों ने पांच और लापता लोगों तक पहुंच बनाई, लेकिन दुर्भाग्य से सभी मृत पाए गए. गांव में हर तरफ चीख-पुकार मची है. एक ही परिवार की मां और दो बच्चों की मौत ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया. परिजनों के आंसू और सिसकियां इस त्रासदी के गहरे जख्मों को बयां कर रही हैं.
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जिला प्रशासन के अनुसार, नंदानगर क्षेत्र में कुल दस लोग आपदा की चपेट में आए थे. इनमें से कुंतरी, फाली और लगा सरपाणी से एक व्यक्ति जीवित बचाया गया, सात शव बरामद किए गए, जबकि धूर्मा के दो लापता लोगों की तलाश अब भी जारी है. धूर्मा तक पहुंचने का सड़क मार्ग टूट चुका है, ऐसे में हेलिकॉप्टर से राहत सामग्री और बचाव टीमें भेजी जा रही हैं. ग्रामीणों तक भोजन और जरूरी सामान पहुंचाने के लिए एयरलिफ्ट की व्यवस्था की गई है.
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि कुंतरी में रेस्क्यू कार्य पूरा कर लिया गया है. अब पूरा फोकस धूर्मा में चल रहे अभियान पर है. उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग को जल्द बहाल करने की कोशिशें जारी हैं ताकि राहत कार्य सुचारु रूप से चल सकें. प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है.