प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान से भारत वापसी के दौरान लाहौर जाने का फैसला लेकर सबको हैरत में डाल दिया. पीएम की लाहौर यात्रा के बारे में पता चलते ही प्रतिक्रियाएं आने लगीं. किसी ने इस कदम का स्वागत किया तो किसी ने नाराजगी जताई. सीपीआई ने पीएम के इस कदम की सराहना की तो बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने फैसले को गलत बताया.
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा भी पीएम के इस दौरे से खुश नजर नहीं आए. उन्होंने कहा, 'ऐसा ना हो की दोस्ती के चक्कर में दुश्मनी बढ़ जाये.' वे पाकिस्तान के साथ बातचीत के पक्ष में भी नहीं हैं. हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को शुभकामनाएं देते हुए कहा की वे सफल हों. लेकिन उन्हें नहीं लगता कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आएगा.
कांग्रेस ने भी पीएम के लाहौर दौरे का विरोध किया. आनंद शर्मा ने कहा कि पीएम का पाक दौरा राष्ट्रहित में नहीं है. ये पहले से तय दौरा था. प्रधानमंत्री देश को जवाब दें. आनंद शर्मा ने कहा कि उद्योगपतियों के कारोबार को आगे पहुंचाने के लिए मोदी लाहौर पहुंचे हैं. काठमांडू में भी गुप्त बैठक हुई थी. काठमांडू की बैठक पर देश को अंधकार में रखा. देशहित से ऊपर निजी हित बर्दाश्त नहीं.
शेरी रहमान बोलीं- सफाई दें शरीफ
इस दौरे को लेकर पाकिस्तान में भी सवाल उठ रहे हैं. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की उपाध्यक्ष और सीनेटर शेरी रहमान ने पूछा है- तो क्या यह सिर्फ मोदी का गुडविल दौरा ही था? संसद और राजनीतिक पार्टियों को उम्मीद है कि शरीफ इस पर तुरंत कुछ तो जानकारी देंगे.
So @narendramodi only came for a goodwill visit? Parliament and political parties in Pakistan expect an immediate brief from PM Sharif now
— SenatorSherryRehman (@sherryrehman) December 25, 2015
ये हैं शिवसेना के तीन सवाल
शिवसेना ने पीएम के लाहौर दौरे पर तीन सवाल उठाए हैं. पूछा है- क्या पाकिस्तान से बातचीत करना संभव है? बीजेपी बताए कि प्रधानमंत्री का पाकिस्तान दौरा कितना उचित है? क्या पीएम के इस दौरे से पाकिस्तान दाऊद इब्राहिम को भारत को सौंप देगा? शिवसेना सांसद संजय राउत ने पीएम पर तंज कसते हुए कहा कि शनिवार को दाऊद का जन्मदिन है. बड़े-बड़े लोग बधाई देने जा रहे हैं.
विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर दोनों नेताओं की तस्वीरें साझा कीं और रिश्तों के लिए शुभकामनाएं भी दीं.
Birthday wishes for PM Sharif, best wishes for #IndiaPakistan relations. PM @narendramodi with PM Sharif pic.twitter.com/yrz83dikB9— Vikas Swarup (@MEAIndia) December 25, 2015
उमर अब्दुल्ला ने किया स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी की लाहौर यात्रा की घोषणा अचानक की गई. मोदी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. जहां शिवसेना ने इस यात्रा पर नाराजगी जताई तो वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने पीएम की लाहौर यात्रा का स्वागत किया. उमर ने इसे दोनों देशों के लिए एक अच्छा कदम बताया. कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि पीएम का लाहौर जाने का फैसला गैर-जिम्मेदराना और शर्मनाक कदम है. भारत-पाकिस्तान रिश्ते में ऐसा क्या हो गया कि मोदी को लाहौर जाना पड़ा.