'ब्रिजिटल नेशन : सॉल्विंग टेक्नोलॉजी पीपल प्रॉब्लम' किताब के विमोचन पर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'इस किताब में सरकार के उस विजन को और मजबूत किया है, जिसके मुताबिक टेक्नोलॉजी जोड़ने का काम करती है, तोड़ने का नहीं. टेक्नोलॉजी एक ब्रिज है, डिवाइडर नहीं.'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, देश की सामाजिक और उद्यमी नेतृत्व (Entrepreneurial Leadership) को हमेशा प्रेरित और ऊर्जावान करने वाले रतन टाटा जी, उनके साथ चर्चा करना हमेशा एक नया अनुभव देता है. इन पर देश की सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक को लीडरशिप देने की जिम्मेदारी है.
लेखकों को पीएम की बधाई
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं चंद्रशेखरन जी और रूपा जी को इस विजनरी डॉक्युमेंट के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. मुस्कान और तनाव मुक्त मन से क्या होता है, उसका परिणाम ब्रिजिटल नेशन के रूप में हमारे सामने है-सकारात्मकता, रचनात्मकता और रचनात्मक दिमाग से देश की समस्याओं के समाधान के लिए सोच निकल सकती है, उसका ये परिणाम है. यही सकारात्मकता, यही आशावाद, अपने टैलेंट और रिसोर्स पर यही विश्वास नए भारत की सोच है. ये किताब ऐसे समय में आई है, जब टेक्नोलॉजी को बदनाम करने की एक बहुत बड़ी कोशिश हो रही है. डर का एक माहौल खड़ा करने का प्रयास हो रहा है.
Delhi: PM Narendra Modi at the launch of book, "Bridgital Nation: Solving Technology's People Problem", written by Natarajan Chandrasekaran, the chairman of Tata Sons & Roopa Purushothaman, the Chief Economist at Tata Sons. Ratan Tata, Chairman Emeritus of Tata Sons, also present pic.twitter.com/sQvJDJmqEx
— ANI (@ANI) October 20, 2019
तकनीकी हस्तक्षेप और गवर्नेंस
प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि ये किताब एस्पिरेशनल इंडिया को तो इंस्पायर करेगी ही, समाज के कुछ पेशेवर निराशावादी (Professional Pessimists) को भी नई अप्रोच और नए दृष्टिकोण के लिए प्रोत्साहित करेगी. बीते 5 वर्षों में तकनीकी हस्तक्षेप (Technological Interventions) से भारत में गवर्नेंस को कैसे रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म किया है, इसको आप महसूस कर पा रहे हैं. ये सब कैसे हो पा रहा है, इसका एक उदाहरण मैं आपको देता हूं.
डेटा इंटेलिजेंस से मिली मदद
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारे देश में एलपीजी गैस कनेक्शन देने की योजना, सब्सिडी देने का काम दशकों से चल रहा है. हमने जब उज्जवला योजना को लॉन्च किया तो, कई लोगों को लगा कि शायद ये भी वैसी ही योजना होगी, जैसी बनती आई हैं लेकिन इसके लिए हमने सोच को भी बदला, अप्रोच को भी बदला और इसमें टेक्नॉलॉजी को भी शामिल किया. कमेटी के बजाय हमने टेक्नॉलॉजी वाली अप्रोच पर भरोसा किया. डेटा इंटेलिजेंस की मदद से पहले हमने 17 हज़ार मौजूदा LPG डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर्स को लोकेट किया और फिर 10 हज़ार नए सेंटर्स बहुत कम समय में तैयार किए.
ब्रिजिटल नेशन टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन और टाटा संस की चीफ इकोनॉमिस्ट रूपा पुरुषोत्तमन ने लिखा है.