केंद्र सरकार ने मंगलवार को आरोग्य सेतु के एंड्रॉयड वर्जन को ओपन सोर्स बना दिया है. इसी के साथ डेवलपर्स अब कोविड-19 कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप को इंस्पेक्ट और मॉडिफाई कर पाएंगे. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने मंगलवार को इसकी घोषणा की.
अमिताभ कांत ने कहा कि 15 दिनों में 5 करोड़ लोगों ने इस ऐप को डाउनलोड किया तो वहीं 40 दिनों में ये संख्या 10 करोड़ हो गई. इस ऐप ने 3 से 17 दिनों के समय में 3 हजार हॉटस्पॉट की पहचान की. ये ऐसे समय हुआ है जब यूजर्स के डेटा को लेकर इस ऐप पर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि, सरकार ने कई बार कहा कि यूजर के डेटा सुरक्षित हैं. हाल ही में e-एजेंडा आजतक कार्यक्रम में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि आरोग्य सेतु ऐप से किसी तरह की निजता का उल्लंघन नहीं होता और सेतु को लेकर बहस प्रायोजित है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान ही देशवासियों से ये अपील की थी कि आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया जाए. उन्होंने इस ऐप को कोरोना से लड़ाई में बहुत अहम बताया था. पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद लोगों ने ऐप डाउनलोड करना भी शुरू किया.
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राहुल गांधी ने उठाए थे सवाल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि निगरानी का ये सिस्टम बेहद जटिल है. उन्होंने कहा कि इससे गोपनीयता और डेटा सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ती हैं. राहुल ने कहा था कि नागरिकों की सहमति के बिना उनकी निगरानी करने के लिये ये तरीका सही नहीं है.
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