डोकलाम विवाद में बड़ी कूटनीतिक जीत के बाद भारत ने एक बार और दम दिखाया है. अरुणाचल प्रदेश से बीजेपी सांसद और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू भारत-चीन के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर सोमवार को दिल्ली में आयोजित प्रथम उच्चस्तरीय बैठक में शामिल हुए. मगर जहां इसे भारत की कूटनीतिक सफलता के तौर पर देखा जा रहा है, वहीं चीन ने बैठक में रिजिजू की मौजूदगी पर आपत्ति जताई.
चीन ने जताया विरोध
सूत्रों के मुताबिक द्विपक्षीय सुरक्षा समझौता संबंधी बैठक में रिजिजू के शामिल होने का चीन ने कड़ा विरोध किया. चीन के एक सूत्र ने बताया, 'हमने भारत के इस कदम का कड़ा विरोध किया और उससे (भारत) इसमें सुधार करने को कहा.'
इस तरह बैठक में शामिल हुए रिजिजू
सूत्रों के मुताबिक किरण रिजिजू किसी अन्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे, लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें बुलाया और उनको इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया जिसमें आंतरिक सुरक्षा पर कई समझौते हुए. किरण रिजिजू ने आज़तक से कहा कि वह "भारतीय डेलिगेशन का हिस्सा थे."
Delhi: Union Minister Rajnath Singh at the first India-China High-level meeting on Bilateral Security Cooperation pic.twitter.com/BYkVkc96m1
— ANI (@ANI) October 22, 2018
रिजिजू की मौजूदगी के मायने
दरअसल, चीन अरुणाचल प्रदेश को समय समय पर अपना हिस्सा बताता रहता है और अरुणाचल में रहने वाले लोगों को भारतीय वीजा न देकर स्टेपल वीजा देता है. साथ ही चीन किसी भी डेलिगेशन में अरुणाचल के मंत्री या सांसद के आने का विरोध करता है. मगर भारत ने चीन के इन सब विरोधों के बावजूद अरुणाचल प्रदेश से आने वाले मंत्री को डेलिगेशन में शामिल कर यह जता दिया कि भारत अब चीन को लेकर दूसरे तरीके की कूटनीति करता है.
बता दें कि चीन और भारत के बीच पहली द्विपक्षीय सहयोग संबंधी बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत और करार हुए. गृहमंत्री राजनाथ सिंह और चीन के स्टेट काउंसिलर एवं सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री झाओ केझी ने आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोग देने पर प्रतिबद्धता जताई.
गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक जिन मुद्दों पर सहमति बनी, वे इस प्रकार हैं:-
-पहली बार आंतरिक सुरक्षा सहयोग को लेकर दोनों देशों के बीच करार हुआ. पहले भारत और चीन के बीच एमओयू था लेकिन समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं.
-दोनों देशों के बीच आतंकवाद पर काबू पाने सहित सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.
-भारत-चीन के बीच मानव और ड्रग्स तस्करी, साइबर क्राइम, वित्तीय अपराध पर चर्चा हुई जबकि अलग-अलग एजेंसियों से सहयोग पर भी एग्रीमेंट हुए हैं,
-एनआईए, एनसीबी भारत की ओर से चीन की संबधित एजेंसियों को सहयोग करेंगी और उनका सहयोग लेंगी.
-दोनों देशों ने आतंक को लेकर अपनी अपनी चिंताएं जाहिर की हैं. इस पर काम करने को लेकर सहमति बनी है. सूत्रों के मुताबिक़ भारत ने मसूद अजहर, नार्थ ईस्ट टेरेसिस्ट ग्रुप के बारे में चीन से अपनी चिंता जाहिर की, जबकि चीन ने शिंजियांग प्रोविंस में यूइगर समस्या पर चर्चा की. दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ सहयोग करने को लेकर बातचीत की.